Election Duty : चुनाव में ड्यूटी नहीं करने वाले कर्मचारियों पर गिरने जा रही गाज, गैरहाजिर कर्मियों की बन रही सूची- हो गए आदेश
UP Election Duty चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने 1486 पोलिंग पार्टियां बनाई थीं। दस प्रतिशत स्टाफ रिजर्व में रखा था। 25 अप्रैल की दोपहर मंडी समिति से पोलिंग पार्टियों की रवानगी का कार्य हुआ था। कई कर्मचारी अनुपस्थित रहे थे। जिसकी वजह से पोलिंग पार्टियों को रवानगी करने में देरी हुई थी। रिजर्व में रखे गए कर्मचारियों को उनकी जगह पोलिंग पार्टी के साथ भेजा गया था।
जागरण संवाददाता, अमरोहा: समस्याओं की आड़ लेकर चुनाव ड्यूटी नहीं करने वाले कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। न सिर्फ उनको नोटिस जारी कर जवाब तलब होगा बल्कि विभागीय कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग के अफसरों को पत्र भी जारी किया जाएगा। गैरहाजिर कर्मियों की आज सूची तैयार कराई जाएगी। सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्र ने अधीनस्थों को आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
गैरहाजिर होने की वजह से पोलिंग पार्टियां देरी से हुईं थी रवाना
चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने 1486 पोलिंग पार्टियां बनाई थीं। दस प्रतिशत स्टाफ रिजर्व में रखा था। 25 अप्रैल की दोपहर मंडी समिति से पोलिंग पार्टियों की रवानगी का कार्य हुआ था। कई कर्मचारी अनुपस्थित रहे थे। जिसकी वजह से पोलिंग पार्टियों को रवानगी करने में देरी हुई थी।
रिजर्व में रखे गए कर्मचारियों को उनकी जगह पोलिंग पार्टी के साथ भेजा गया था। अधिकारियों के सामने तमाम कर्मचारी समस्या बताते हुए ड्यूटी कटवाने के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहे थे। सही समस्या पाए जाने पर अफसरों ने कई कार्मिकों की ड्यूटी काट भी दी थी लेकिन, बिना किसी प्रार्थना पत्र के जो कर्मी गैरहाजिर रहे और प्रशिक्षण में भी नहीं पहुंचे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
अब होगी सख्त कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी अश्वनी कुमार मिश्र ने बताया कि करीब 40 कर्मचारी प्रशिक्षण में नहीं आते थे। इसके अलावा पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दौरान भी तमाम कर्मचारी गैरहाजिर हो गए थे। जिनकी जगह दूसरों को ड्यूटी पर भेजा गया था। चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सोमवार को उनकी सूची बनाई जाएगी। जिसके बाद नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ वेतन रोकने व अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी किया जाएगा। सूची बनने के बाद ही लापरवाह कर्मचारियों की सही स्थिति का पता चल पाएगा।