प्रधानमंत्री मोदी ने कौशांबी जेल के कैदियों के चेहरों पर ला दी खुशी, वह तो फूले नहीं समा रहे

कौशांबी जेल के कैदियों द्वारा गोवंश के लिए बनाए गए कंबलों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में की। प्रधानमंत्री ने यहां का जिक्र किया तो जेल के कैदियों के साथ-साथ जिला और जेल प्रशासन के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 12:38 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 01:00 PM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी ने कौशांबी जेल के कैदियों के चेहरों पर ला दी खुशी, वह तो फूले नहीं समा रहे
कौशांबी जेल के कैदियों में आज खुशी की लहर दौड़ गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जनपद के जिला जेल के कैदियों की खुशी का ठिकाना नहीं है। और हो भी क्‍यों न, उनके द्वारा बनाए गए कंबल का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो किया है। कौशांबी में टेंवा स्थित जिला जेल में कैदियों के साथ ही जेल प्रशासन के अधिकारी भी गदगद हैं। उन्‍हें यहां के कैदियों के काम पर आज फर्क महसूस हो रहा है।

कौशांबी जेल के कैदियों द्वारा गोवंश के लिए बनाए गए कंबलों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में की। प्रधानमंत्री ने यहां का जिक्र किया तो जेल के कैदियों के साथ-साथ जिला और जेल प्रशासन के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। यहां कैदी गोदाम में रखे फटे पुराने कंबलों को पॉलीथिन लगाकर सिलते हैैं। यही कंबल ठंड में बेहाल उन बेसहारा मवेशियों को पहुंचाए जा रहे हैैं जो गो-आश्रय स्थलों में रखे गए हैैं।

बेजुबानों को ठंड से बचाने की जेल में चलाई गई है मुहिम

- फटे पुराने कंबलों की सिलाई कर नया आकार दे रहे बंदी व कैदी

- जिले की गोशालाओं में पहुंचाए जाएंगे गर्म कपड़े।

जिला कारागार में बंदियों व कैदियों की पहल

कहावत है कि प्राश्यचित करने से पाप धुलते हैं...। इसे साकार करने के उद्देश्य से जिला कारागार में बंदियों व कैदियों ने नई पहल की शुरुआत की है। अपने फटे-पुराने कंबलों को एकत्रित करने के बाद उनकी सिलाई कर उसे तिरपाल में भरकर बेजुबान मवेशियों के लिए गर्म कपड़े तैयार कर रहे हैं। जल्द ही सैकड़ों कपड़े जनपद की गोशालाओं में भेजवाए जाएंगे। जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने इसके लिए उच्चाधिकारियों से भी पत्र व्यवहार किया।

गर्म कपड़े तैयार किए

जिला कारागार में काफी समय से बंदी व कैदियों में सुधार की भावना उत्पन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जाते हैं। कभी पढ़े-लिखे बंदियों या कैदियों के जरिए अनपढ़ों को शिक्षित करने और कभी रोजगार से जोडऩे के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, सुबह-शाम धार्मिक कार्यक्रम भी जेल में अक्सर आयोजित होते रहते हैं। अब इन दिनों बंदियों व कैदियों ने अपने पाप धुलने के लिए बेजुबान मवेशियों की मदद के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। बंदियों व कैदियों का कहना है कि दो से ढाई सौ कंबल और हैं, जिनकी सिलाई शीघ्र ही हो जाएगी।

जेल के फटे-पुराने कंबल से गोवंशों के लिए तैयार हो रहा कोट

कौशांबी जनपद में बनाए गए 63 गौशाला में 6182 गोवंश है। सभी गोवंशो को कंबल से बने कोट देने का खाका जेल प्रशासन ने तैयार किया है। जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने बताया कि जेल के फटे पुराने कंबल को पैक कर गोवंश के लिए कोट बनाया जा रहा है। अब तक ढाई सौ से अधिक कोट तैयार कर लिए गए हैं। शनिवार को जिलाधिकारी अमित सिंह की मौजूदगी में मंझनपुर के रजवारी स्थित गोशाला में 50 कोट दिया गया। सभी गोवंशों को एक पखवारे के भीतर कंबल से बने कोट उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इसके लिए 70 बंदी लगाए गए हैं।  कमल से बने कोट गोवंश को ठंड से बचाएगा।

जेल से दिए गए कोट से गोवंश ठंड से बच सकेंगे

गोशाला के मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए कौशांबी जिले में अनोखी पहल शुरू की गई है। शनिवार को डीएम के साथ जेलर गोशाला में पहुंचकर गोवंश के लिए जेल के बंदियों द्वारा तैयार कंबल से बने कोट दिए। इससे गोवंशों की ठंड दूर होगी। बेसहारा वासियों के संरक्षण के लिए जिले में 63 गोशाला संचालित किए गए हैं। शनिवार को जिला अधिकारी अमित सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन व जेल अधीक्षक बालमुकुंद मंझनपुर तहसील क्षेत्र के बंधवा राजबर गांव स्थित गोशाला पहुंचे।

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