गृहकर ओटीएस योजना के शासनादेश से 200 वर्ग फीट की शर्त हटाने के लिए दिया ज्ञापन

पूर्व पार्षद शिवसेवक सिंह ने बताया कि गृहकर में राहत के लिए जारी सशर्त ओटीएस योजना का शासनादेश 200 वर्ग फीट के अंदर वाले कामर्शियल भवनों पर ही लागू करने की शर्त रख रहा है। इससे 95 प्रतिशत व्यावसायिक भवन स्वामी ओटीएस योजना के लाभ से वंचित हो गए

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 04 Jan 2022 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 04 Jan 2022 08:10 AM (IST)
गृहकर ओटीएस योजना के शासनादेश से 200 वर्ग फीट की शर्त हटाने के लिए दिया ज्ञापन
पार्षदों और पूर्व पार्षदों ने मंडलायुक्त को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। गृहकर ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) योजना में 200 वर्ग फीट की शर्त हटाने की मांग पार्षदों और पूर्व पार्षदों ने की है। इस संबंध में सोमवार को मंडलायुक्त संजय गोयल को मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री के नाम एक ज्ञापन देकर उनसे अपनी बात रखी। कहा कि गृहकर ओटीएस योजना में संशोधन कर 200 वर्ग फीट की शर्त हटाई जाए। क्योंकि यह संशोधन अगर नहीं होता है तो 95 प्रतिशत लोग गृहकर बकाया जमा करने के लिए शासनादेश की मंशा से बाहर ही रहेंगे और बकाया जमा करवाने के लिए योजना का उद्देश्य ही पूरा नहीं होगा।

शर्त लागू होने से 95 प्रतिशत बकाएदार बकाया जमा करने से हो जाएंगे वंचित

पूर्व पार्षद शिवसेवक सिंह ने बताया कि गृहकर में राहत के लिए जारी सशर्त ओटीएस योजना का शासनादेश 200 वर्ग फीट के अंदर वाले कामर्शियल भवनों पर ही लागू करने की शर्त रख रहा है। इससे 95 प्रतिशत व्यावसायिक भवन स्वामी ओटीएस योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं। जिन पर कुल बकाए के सापेक्ष अधिकांश धनराशि बकाया है। बताया कि कामर्शियल भवनों पर नियमावली 2013 को नगर निगम में लागू करने के बाद आवासीय भवनों से पांच गुना अधिक कामर्शियल गृहकर वृद्धि हुई इससे 2014 से कामर्शियल भवन स्वामियों को पूर्व और वर्तमान नगर विकास मंत्री ने नियमावली में संशोधन का आश्वासन दिया था, इसलिए बकाएदारों ने गृहकर जमा नहीं किया है और इसके चलते ब्याज, मूल मांग से ज्यादा हो गया है। मंडलायुक्त ने इस तकनीकी समस्या को सुना और कहा कि ज्ञापन शासन को भेज देंगे। प्रतिनिधिमंडल में पार्षद अशोक सिंह, कमलेश सिंह, आनंद घिल्डियाल, चंद्र प्रकाश गंगा, अशोक कुमार, चंद्रशेखर बच्चा आदि शामिल रहे

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