जन्मशती पर याद किए गए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी Prayagraj News

प्रो. शबनम हमीद ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी तरक्की पसंद शायर थे। उन्होंने समाज की ऐतिहासिक विरासत को कथा और कृति के माध्यम से प्रस्तुत किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 29 Aug 2019 12:21 AM (IST) Updated:Thu, 29 Aug 2019 07:20 AM (IST)
जन्मशती पर याद किए गए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी Prayagraj News
जन्मशती पर याद किए गए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन : हिंदुस्तानी एकेडेमी में मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी की जन्मशती के अवसर पर बुधवार को संगोष्ठी हुई। मजरूह सुल्तानपुरी-हयात व खिदमात विषय पर हुई संगोष्ठी में उन गजलों को भी याद किया गया जिन्हें मजरूह सुल्तानपुरी ने मजीदिया इस्लामिया इंटर कालेज में 1941 में आयोजित मुशायरे में पढ़ा था। एकेडेमी के अध्यक्ष डॉ. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी राष्ट्रवादी शायर थे। हिंदुस्तानी समाज की बारीकियों को उकेरने में उन्हें महारथ हासिल थी। उनके हर एक शब्द में हिंदुस्तानी तहजीब की झलक दिखती थी। ऐसे में आज उन्हें याद करना भारत को याद करने के समान है।

प्रो. शबनम हमीद ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी तरक्की पसंद शायर थे। उन्होंने समाज की ऐतिहासिक विरासत को कथा और कृति के माध्यम से प्रस्तुत किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से आए डॉ. फाजिल अहसन हाशमी ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी ने सामाजिक समस्या को गजल के अंदाज में पेश किया है। करीब 350 फिल्मों में गीत लिखे। 1

941 में मजीदिया इस्लामिया इंटर कालेज में आयोजित मुशायरे में उन्होंने पढ़ा था कि 'आ निकल के मैदां में दो रूखी के खाने से-काम चल नहीं सकता अब किसी बहाने से। कहा कि उनकी गजलों में मोहब्बत, शराफत और सदाकत के साथ जुर्रत और हिम्मत भी थी। संगोष्ठी में फज्ले हसनैन ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी अपने समकालीन कवियों में सबसे सशक्त कवि थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी मोहम्मद रेहान ने तरक्की पसंद गजल और मजरूह सुल्तानपुरी विषय पर अपना शोध पढ़ा। एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के शुभारंभ के समय रविनंदन सिंह द्वारा संपादित पुस्तक हिंदुस्तानी एकेडेमी के परिसंवाद का विमोचन हुआ। इस अवसर पर हरिमोहन मालवीय, रामनरेश तिवारी पिंडीवासा, डॉ सभापति मिश्र, डॉ. विद्याकांत तिवारी, डॉ. पूर्णिमा मालवीय, डॉ. शांति चौधरी, डॉ. सरोज सिंह सहित कई अन्य लोग भी शामिल रहे।

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