संस्थाओं को मिलने वाली सुविधाओं में मेला प्रशासन ने की कटौती, सीएम से शिकायत Prayagraj News

माघ मेला-2020 में अपना शिविर लगाने वाली संस्‍थाओं में इस बात की नाराजगी है कि मेला प्रशासन ने उन्‍हें मिलने वाली सुविधाओं में कटौती की है। इसकी सीएम योगी से शिकायत की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 02:08 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 02:08 PM (IST)
संस्थाओं को मिलने वाली सुविधाओं में मेला प्रशासन ने की कटौती, सीएम से शिकायत Prayagraj News
संस्थाओं को मिलने वाली सुविधाओं में मेला प्रशासन ने की कटौती, सीएम से शिकायत Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला-2020 में इस बार संस्थाओं की सुविधाओं में व्यापक कटौती की जा रही है। बिजली और पानी के कनेक्शन के साथ शौचालयों की संख्या भी घटाई जा रही है जिन संस्थाओं को 2018 में 18 शौचालय मिले थे, उन्हें इस बार आठ ही दिए जा रहे हैैं। वहीं जिन्हें 35 शौचालय मिले थे, उन्हें इस बार 18 टॉयलेट ही दिए जा रहे हैैं। इससे नाराज दर्जनों संस्था संचालक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने के लिए गोरखपुर और लखनऊ पहुंच गए हैैं।

तीन हजार संस्थाओं को अब तक जमीन दी जा चुकी है

इस बार ज्यादातर संस्थाएं झूंसी क्षेत्र में मेले के सेक्टर तीन, चार और पांच में बसाई जा रही हैैं। लगभग तीन हजार संस्थाओं को अब तक जमीन दी जा चुकी है। अब इन संस्थाओं को सुविधा पर्ची दी जा रही है। आरोप है कि संस्थाओं को सुविधाएं इस बार कम कर दी गई हैैं। खाक चौक के रामतीरथ दास को पिछले माघ मेला में आठ शौचालय मिले थे, जबकि इस बार पांच ही दिए गए हैैं। खाक चौक में संस्था चलाने वाले कपिलदेव दास को पिछले मेले में 35 शौचालय मिले थे मगर इस बार 18 ही दिए गए।

इन्‍हें भी सुविधाएं कम दी गई

सेक्टर तीन में ब्रजभूषण दास को पिछले साल 18 मिले थे, इस बार आठ ही दिए मिले। कमोवेश सेक्टर दो में डॉ. राधाचार्या को पांच पिछले मेले में दिए गए, इस बार दो ही मिले। इसी तरह जिन संस्थाओं को पिछले मेले में चार नल दिए गए थे, उन्हें दो ही दिए जा रहे हैैं। जबकि जिन्हें बिजली के 10 प्वाइंट दिए गए थे, उन्हें इस बार चार अथवा पांच प्वाइंट दिए जा रहे हैैं।

बोले मेलाधिकारी

मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र कहते हैं कि सुविधाओं में कटौती नहीं की है, जिन्हें कम शौचालय मिले हैैं, वे प्रार्थना पत्र दें, उन्हें इसकी और सुविधा दी जाएगी। यह गलती से भी हो सकता है। इसे सुधार दिया जाएगा।

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