ये है साइबर संसार : खबरदार...किसी ने शराबी या बेवड़ा कहा, इकोनॉमी वॉरियर्स कहिए जनाब Prayagraj News
लॉकडाउन-3 में शराब की दुकानें सोमवार से खुल गई हैं। साइबर संसार में ऐसे ही तमाम संदेश रात तक घूमते रहे। वाट्सएप पर सुरा प्रेमी और बोतल की मीम भी लोग फारवर्ड करते रहे।
प्रयागराज, जेएनएन। खबरदार...आज से किसी ने शराबी या बेवड़ा कहा। अब इकोनॉमी वॉरियर्स कहिए। शराब राज्यों की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ। इसीलिए दारू की बोतल को खंभा भी कहते हैं। सरकार की अपील, पीने के बाद गाड़ी सीधे अपने घर ले जाएं, कोई भी चीन की तरफ नहीं जाएगा। जिनको लोग बेवड़ा समझते थे...वे तो देश की अर्थव्यवस्था के चौथे स्तंभ निकले...।
साइबर संसार में ऐसे ही तमाम संदेश रात तक घूमते रहे
साइबर संसार में ऐसे ही तमाम संदेश सोमवार की रात तक घूमते रहे। वाट्सएप पर सुरा प्रेमी और बोतल की मीम भी लोग फारवर्ड करते रहे। आज पोछा, बर्तन क्यों नहीं किया जी, एकदम चुप। छेनू वापस लौट आया है और हमारे लिए पकौड़े तलो। एक महिला और पुरुष की तस्वीर उकेरती हुई यह तस्वीर भी वाट्सएप पर खूब वायरल हुई। फेसबुक पर प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा कि ठेके खुलने के उपलक्ष्य में लखनऊ में आइस क्यूब बरस रहा है। अरविंद सिंह ने पोस्ट किया कि शराब की दुकान खोलकर फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मौत से ज्यादा रेवेन्यू जरूरी है। इसी तरह ट्वीटर हैंडल पर भी कई यूजर्स ने शराब बिक्री को लेकर तस्वीर व वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सुबह से लेकर रात तक शराब बिक्री ट्रेंड करता रहा।
शराब की दुकान बंद न करने पर आंदोलन की चेतावनी
राष्ट्रीय हिंदू संगठन का कहना है कि शराब की दुकान खुलने से फिजिकल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं। इससे कोरोना वायरस महामारी का खतरा बढ़ गया है। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक ओम प्रकाश दुबे ने कहा कि शराब दुकानों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। ऐसा न होने पर संगठन के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन करते हुए दुकानों को बंद कराएंगे।