जान पड़ गई थी खतरे में, प्रयागराज में गटर की सफाई को उतरे तीन मजदूर हुए बेहोश तो मची खलबली

सीवर लाइन की सफाई के लिए बुधवार सुबह करीब 11 बजे मजदूर बाबूलाल और रणजीत नीचे उतरे। उनके नीचे उतरते ही अंदर से मीथेन गैस उठने से उनकी सांसें फूलने लगी। आवाज देने पर तीसरा मजदूर लल्लू भी नीचे उतरा लेकिन वह भी गैस से घबराकर शोर मचाने लगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 09:43 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 09:43 PM (IST)
जान पड़ गई थी खतरे में, प्रयागराज में गटर की सफाई को उतरे तीन मजदूर हुए बेहोश तो मची खलबली
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के ठेकेदार के तीन मजदूर मीथेन गैस की चपेट में आ जाने से बेहोश हो गए।

प्रयागराज, जेएनएन। शहर के म्योराबाद चौराहे के समीप गटर (सीवर लाइन) की सफाई के लिए बुधवार सुबह उतरे गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के ठेकेदार के तीन मजदूर मीथेन गैस की चपेट में आ जाने से बेहोश हो गए। इसकी जानकारी होने पर स्थानीय लोगों की भीड़ इक_ा हो गई। मौके पर पहुंचे अग्निशमनकर्मियों और स्थानीय लोगों ने मजदूरों को रस्से के सहारे बाहर निकाला। एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल भेजा गया। इलाज के बाद स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। 


अग्निशमनकर्मियों ने मोटे रस्से के सहारे सभी को निकाला बाहर

म्योराबाद चौराहा के समीप सीवर लाइन की सफाई के लिए बुधवार सुबह करीब 11 बजे मजदूर बाबूलाल और रणजीत नीचे उतरे। उनके नीचे उतरते ही अंदर से मीथेन गैस उठने से उनकी सांसें फूलने लगी। आवाज देने पर तीसरा मजदूर लल्लू भी नीचे उतरा लेकिन, वह भी गैस से घबराकर शोर मचाने लगा। इस पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी जानकारी होने पर पार्षद रतन दीक्षित सैनिटाइजेशन वाली गाड़ी लेकर पहुंच गए। सिविल डिफेंस के रवि शंकर द्विवेदी भी पहुंच गए। उनका दावा है कि कई शीर्ष अफसरों को फोन किया लेकिन, फोन नहीं उठा। नगर आयुक्त रवि रंजन से वार्ता के बाद तत्काल पुलिस और फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंची, लेकिन गटर में उतरने को कोई तैयार नहीं था। ममफोर्डगंज का अमन नीचे उतरने लगा लेकिन, गैस के कारण आधे रास्ते से वह भी वापस आ गया। इसके बाद सैनिटाइजेशन मशीन से उसमें पानी डाला गया और अग्निशमनकर्मियों ने मोटे रस्से को नीचे गिराया, जिसे पकड़कर तीनों मजदूर बाहर आए। बाहर आते ही तीनों बेहोश हो गए। उन्हें एसआरएन अस्पताल भेजा गया। बताते हैं कि तीनों मजदूर सेफ्टी उपकरण भी नहीं पहने थे। अनवर खां, झल्लर, सीपू, मनोज पासी के सहयोग से मजदूरों की जान बची। 

जिम्मेदार अधिकारी का है कहना

सीवर ढक्कन खोलते समय मीथेन गैस बाहर आती है। उस स्थान पर मजदूरों को काम के लिए कहा भी नहीं गया था लेकिन, तीनों वहां पहुंच गए थे। ट्राली पर सेफ्टी उपकरण भी रखा था पर वह पहने नहीं थे। तीनों अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गए हैं। 

संतोष कुमार, परियोजना प्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई

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