Heart Patient: दिल के मरीज हैं तो अपनाएं कुछ मामूली नियम, हंसते-मुस्कराते गुजर जाएगा जीवन

Heart diseases हृदय रोग के मामलों में पेसमेकर और स्टेंट को लेकर लोगों में जागरूकता कम है। जबकि यह दो यंत्र ऐसे हैं जो आजीवन आपके हृदय की धड़कन बनाए रखते हैं। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि आप इन्हें लगवाने के बाद अपने डाक्टर के संपर्क में रहें।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2022 08:29 AM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2022 08:29 AM (IST)
Heart Patient: दिल के मरीज हैं तो अपनाएं कुछ मामूली नियम, हंसते-मुस्कराते गुजर जाएगा जीवन
दिल की बीमारी से बचने के लिए कुछ सावधानी बरतने की है जरूरत

प्रयागराज, जेएनएन। Heart diseases News: हृदय रोग के मामलों में पेसमेकर और स्टेंट को लेकर लोगों में जागरूकता कम है। जबकि यह दो यंत्र ऐसे हैं जो आजीवन आपके हृदय की धड़कन बनाए रखते हैं। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि आप इन्हें लगवाने के बाद अपने डाक्टर के संपर्क में रहें। कामकाज, मेहनत, दौड़भाग, खेलकूद में भी रुचि है तो उसे करते रहें। जो दवा दी जाए उसे नियमित रूप से खाएं और जो अभ्यास बताया जाए उसे करें। कुछ यह जानकारी दी दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक सचदेवा ने। प्रस्तुत है डा. अभिषेक से पाठकों के हुए प्रश्न और मिले उत्तर के प्रमुख अंश।

प्रश्न. मैने 2016 में एंजियोग्राफी कराई थी। दवा समय से ले रहे हैं। सुबह टहलते समय छाती में भारीपन लगता है। क्या एंजियोग्राफी फिर से करानी पड़ेगी।

अभय कुमार जायसवाल, बहादुरगंज

उत्तर. आप सभी रिपोर्ट लेकर अस्पताल आइए। हृदय रोग का मामला है। एंजियोग्राफी फिर से कराना पड़ सकता है।

प्रश्न. एक बार स्टेंट लगवा लें तो उसकी लाइफ कब तक होती है।

दुर्गा शंकर वाजपेयी, सलोरी

उत्तर. एक बार स्टेंट लगवाने पर वह जीवन भर के लिए हो जाता है। एक या दो प्रतिशत लोगों के स्टेंट यानी छल्ले बंद हो जाते हैं। ऐसा न हो इसके लिए अपने डाक्टर से संपर्क में रहें। खानपान संयमित रखें, दैनिक कामकाज, व्यायाम करें। स्टेंट अपनी जगह से टस से मस नहीं होता।

प्रश्न. हृदय रोग में मौत की घटनाएं अधिक देखने सुनने को मिलती हैं। युवा इसकी चपेट में न आएं इसलिए क्या करना चाहिए।

करन सिंह परिहार, गोविंदपुर

उत्तर. लोगों की जीवनशैली काफी खराब हो गई है। धूमपान, नशे की लत, अनियमित खानपान और श्रम से दूर रहने की आदत युवाओं में ज्यादा पनप रही है। इससे बचना होगा। युवाओं को जागरूक होना होगा। दैनिक व्यायाम, कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलना जरूरी है। ऐसा करें तो हृदय रोग से बचे रहेंगे।

प्रश्न. अपना हृदय स्वस्थ कैसे रखें, किसी को हृदयाघात हो तो उसे प्राथमिक उपचार कैसे दें।

ऋषि टंडन, रानीमंडी

उत्तर. किसी को दिल में दर्द होने लगे तो उसे फौरन अस्पताल पहुंचाना ही प्राथमिकता होनी चाहिए। अपने से कोई दवा न खिलाएं। अपना भी हृदय स्वस्थ्य रहे इसका ध्यान रखना जरूरी है। मीठे पदार्थ, तली हुई चीजें कम खाएं। रोज कम से कम 30 मिनट पैदल चलें।

प्रश्न. छाती में कभी-कभी जलन होती है। पहले लकवा हो चुका है उसका इलाज चल रहा है। कहीं मुझे हृदय रोग के संकेत तो नहीं हैं।

अशोक मिश्रा, हरिपुर मर्रो हंडिया

उत्तर. आप एक बार अस्पताल आकर जांच करा लीजिए। मन में कोई शंका है तो जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा। यदि हृदय रोग के संकेत होंगे तो उसका समय से उपचार शुरू हो सकता है। एसआरएन अस्पताल में अब सभी तरह की जांच सुविधा उपलब्ध है।

प्रश्न. साइकिल चलाते समय चक्कर आ गया। कहीं मुझे हृदय रोग तो नहीं होने वाला।

राय साहब, फूलपुर

उत्तर. यह हृदय रोग का लक्षण भी हो सकता है। आप एसआरएन अस्पताल आकर ईसीजी व ईको जांच करा लीजिए। कोई गंभीर बात होगी तो समय से इलाज मिल जाएगा।

प्रश्न. पत्नी को हृदय रोग है। एंजियोग्राफी की जरूरत है लेकिन उसके लिए पैसे नहीं हैं। आयुष्मान कार्ड बना है।

प्रेमचंद, फाफामऊ

उत्तर. आपके पास आयुष्मान कार्ड है तो एसआरएन अस्पताल के हृदय रोग विभाग में पत्नी को लेकर जाएं। कार्ड के आधार पर इलाज हो जाएगा चिंता न करें।

प्रश्न. बीपी की दवा नियमित ले रहे हैं। क्या हृदय की बीमारी भी हो सकती है।

सुधीर मिश्रा, कारपेंटरी स्कूल तेलियरगंज

उत्तर. ब्लड प्रेशर की दवा लेते रहें। महीने दो महीने में डाक्टर से मिलें जरूर। साल भर में एक बार ईको और टीएमटी जांच करा लें। इससे आपके हृदय की स्थिति मालूम होती रहेगी। नियमित व्यायाम करें, पैदल चलने की आदत डालें। इससे हृदय रोग से सुरक्षित रहेंगे।

इन्होंने भी पूछे प्रश्न

उमाशंकर महेवा, नरेश चंद्र निषाद झूंसी, मनोज कुमार द्विवेदी लोहिया मार्ग सिविल लाइन, एएन शुक्ला रामबाग, सुनीता सिंह जीटीबी नगर करेली, बीबी लाल श्रीवास्तव करबला।

सचेत रहें, न जमने पाए कोलेस्ट्राल

अब सभी का खानपान ऐसा हो गया है कि शरीर के भीतरी हिस्से में काेलेस्ट्राल जमना तय है। हृदय रोग का यह बहुत बड़ा कारण है। काेलेस्ट्राल साधारण रूप से पता लगना मुश्किल है इसलिए समय-समय पर डाक्टर से मिलते रहें। उनके उचित परामर्श के बाद दवाएं लेंगे तो कोलेस्ट्राल जमने से रोका जा सकता है।

40 के हो गए हैं पार तो कराएं जांच

अगर आप की उम्र 40 साल पूरी हो चुकी है तो अपने हृदय पर सबसे अधिक ध्यान देना होगा। क्योंकि यही ऐसा शारीरिक हिस्सा है जो पल भर में मौत की नींद सुला सकता है। एक साल में एक बार जांच कराते रहें, ईको और ईसीजी जांच से हृदय की स्थिति मालूम होती रहेगी।

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