High Court order: दिवंगत कर्मचारी की पत्नी के रहते बहन नहीं कर सकती आश्रित कोटे में नियुक्ति का दावा

कोर्ट ने कहा कि अधिकार पहले पत्नी को है। क्योंकि भाई की शादी हो चुकी थी और उसकी पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति का दावा कर रखा है। ऐसे में बहन के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति की मांग सही नहीं है। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 19 Aug 2022 09:45 PM (IST) Updated:Fri, 19 Aug 2022 09:45 PM (IST)
High Court order: दिवंगत कर्मचारी की पत्नी के रहते बहन नहीं कर सकती आश्रित कोटे में नियुक्ति का दावा
हाईकोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी की पत्नी है तो अनुकंपा नियुक्ति का लाभ बहन को नहीं दिया जा सकता

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर मृतक कर्मचारी की पत्नी ने अर्जी दी है तो अनुकंपा नियुक्ति का लाभ बहन को नहीं दिया जा सकता। अनुकंपा नियुक्ति का पहला अधिकार पत्नी का है। उसके इन्कार करने के बाद अन्य आश्रितों को नियुक्ति पाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि जहां तक बहन के भरण-पोषण का सवाल है तो उसके लिए वह कानून के तहत दावा करने के लिए स्वतंत्र है।

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने कानपुर की कुमारी मोहनी की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसके पिता नगर निगम कानपुर में सफाई कर्मचारी थे। सेवा के दौरान उनकी मौत हो गई। पिता की मौत के बाद उसके भाई को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई लेकिन उसकी भी सेवाकाल में मृत्यु हो गई। पूरा परिवार भाई पर निर्भर था। लिहाजा अनुकंपा नियुक्ति के तहत उसे नौकरी प्रदान की जाए।

उसने एक दिसंबर 2021 को नगर निगम कानपुर के समक्ष अपना प्रत्यावेदन भी दिया है। याची ने कोर्ट से मांग की थी कि नगर निगम को निर्देश दे कि याची के प्रत्यावेदन पर सुनवाई कर उसका निस्तारण जल्दी करे। निगम के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। कहा कि भाई की मौत के बाद बहन को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए ऐसा कोई नियम नहीं है।

कोर्ट ने कहा यह अधिकार पहले पत्नी को है। क्योंकि, भाई की शादी हो चुकी थी और उसकी पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति का दावा कर रखा है। ऐसे में बहन के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति की मांग सही नहीं है। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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