पहले टूटी हड्डी फिर एसआरएन के ट्रामा सेंटर में टूट रही आस

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय स्थित ट्रामा सेंटर के आपरेशन थिएटर मरीजों की स्थिति ठीक नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 01:49 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 01:49 AM (IST)
पहले टूटी हड्डी फिर एसआरएन के ट्रामा सेंटर में टूट रही आस
पहले टूटी हड्डी फिर एसआरएन के ट्रामा सेंटर में टूट रही आस

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय स्थित ट्रामा सेंटर के आपरेशन थिएटर (ओटी) में हड्डी में चोट वाले मरीजों का आपरेशन समय से नहीं हो रहा है। जबकि ट्रामा सेंटर का उद्देश्य ही किसी दुर्घटना या हादसे में घायल मरीजों का त्वरित आपरेशन करने का है। इसमें कोई मरीज छह दिनों से भर्ती है, किसी को आपरेशन का इंतजार करते 10 दिन हो चुके हैं। इस देरी का कारण है कि ओटी में एनेस्थीसिया के डाक्टरों की कमी है और जिन एनस्थेटिक की ड्यूटी लगती है वह लेटलतीफ आते और समय से पहले चले भी जाते हैं। ट्रामा सेंटर के इलेक्टिव आपरेशन थिएटर में आपरेशन का निर्धारित समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का है। इसमें आपरेशन तभी होते हैं जब एनस्थेटिक यानी बेहोशी वाले डाक्टर की मौजूदगी रहती है। हालत यह है कि एनस्थेटिक इस ओटी में दिन में 10 बजे से पहले नहीं पहुंचते। अमूमन दो बजने से पहले चले भी जाते हैं। इस बीच इमरजेंसी वाले आपरेशन ही हो पाते हैं। वह लोग आपरेशन से वंचित रहते हैं जिनके बारे में डाक्टरों की सोच रहती है कि जान खतरे में नहीं है तो आपरेशन बाद में भी हो सकता है। ट्रामा सेंटर के आर्थो वार्ड में कई मरीज एक सप्ताह या इससे ज्यादा दिनों से भी भर्ती हैं। किसी का पैर सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है कोई पेड़ या किसी अन्य ऊंचाई वाले स्थान से गिरकर घायल हुआ है। इलाज में कहीं दिक्कत न आ जाए इसलिए मरीज खुलकर बोलने से कतराते हैं। मीरजापुर से आया एक मरीज एक सप्ताह पहले से भर्ती है। उसके पैर का आपरेशन होना है। एक मरीज प्रतापगढ़ का निवासी है। कुछ अन्य लोग भी हैं जिन्हें आपरेशन के लिए प्रतीक्षा कराई जा रही है।

एसआरएन के प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. अजय सक्सेना ने कहाकि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष से बात करते वस्तुस्थिति का पता लगाएंगे।

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