प्रतापगढ़ में फर्जी विजिलेंस अफसर बनकर निजी वसूली की कोशिश, गिरफ्तार

आरोपित ने क्लीनिक के कागजात सही न होने की बात करते हुए लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दी। लाइसेंस निरस्त न होने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 08:51 PM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 08:51 PM (IST)
प्रतापगढ़ में फर्जी विजिलेंस अफसर बनकर निजी वसूली की कोशिश, गिरफ्तार
प्रतापगढ़ में फर्जी विजिलेंस अफसर बनकर निजी वसूली की कोशिश, गिरफ्तार

प्रतापगढ़,जेएनएन।  विजिलेंस विभाग का अफसर बताकर निजी चिकित्सक से पचास हजार रुपये की मांग करने पहुंचे जालसाज को पकड़कर लोगो ने पिटाई कर दी। मौके से कार पर बैठा उसका साथी भाग निकला। पुलिस आरोपित को पकड़ कर कोतवाली ले गई। पीडि़त चिकित्सक ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस आरोपित को हिरासत में लेकर मामले की जांच कर रही है।

कार से पहुंचे दो शातिरों ने निजी चिकित्‍सक से खुद को विजिलेंस अफसर बताया

कोतवाली के भदारी कला निवासी रमा शंकर विश्र्वकर्मा ने लालगंज नगर के जलेशरगंज मार्ग पर जैनपुर में निजी क्लीनिक खोल रखी है। बुधवार को दिन में करीब ढाई बजे उसके क्लीनिक पर कार से दो लोग पहुंचे। इनमे से एक ने अपने को विजिलेंस विभाग का अफसर बताते हुए चिकित्सक से क्लीनिक का कागजात मांगा। चिकित्सक ने जानकारी चाही तो उसने अपना फर्जी आई कार्ड भी दिखाया।

कागजात सही न बताकर क्लिनिक का लाइसेंस निरस्‍त करने की दी धमकी

आरोपित ने क्लीनिक के कागजात सही न होने की बात करते हुए लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दी। लाइसेंस निरस्त न होने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। किसी तरह वह 25 हजार में मान गया और लाइसेंस निरस्त होने के भय में चिकित्सक ने उसे 10 हजार दे दिया। बाकी रकम लेने को नगर के एक चिकित्सक के पास पहुंचा और उससे सहयोग मांगा। इस पर साथी चिकित्सक को शंका हुई और पैसा लेकर वह भी उसके साथ वहां पहुंचा। वहां आरोपित से बातचीत करने पर मामला संदिग्ध दिखा। इस बीच आसपास के लोग भी जमा हो गये। आरोपित को संदिग्‍ध मान उसकी पिटाई की। इधर मौका देख दूसरा आरोपित कार लेकर फरार हो गया। सूचना मिलने पर कोतवाली के दारोगा सुनील राय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपित को पकड़कर कोतवाली ले आए। दारोगा सुनील राय का कहना है की पीडि़त चिकित्सक ने अज्ञात में तहरीर दी है।

सीएमओ बोले, एक टीम बनाकर मामले की जांच कराई जाएगी

आरोपित के फर्जी विजिलेंस (स्वास्थ्य) आइ कार्ड पर एसके सिंह व पद नाम निरीक्षणकर्ता अधिकारी लिखा है। इस बारे में सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस से मामले की जानकारी ली गई है। एक टीम बनाकर इस मामले की विभागीय जांच कराई जाएगी। इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।

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