हास्टलों में छापेमारी से छात्रों की छूट गई परीक्षा
हॉस्टलों में छापेमारी के डर से छात्र कमरों से बाहर नहीं निकले और उनकी परीक्षा छूट गई। विवि प्रशासन ने फरमान जारी किया था कि छात्र कमरे में पहचान पत्र के साथ मौजूद रहें।
प्रयागराज : हॉस्टलों में छापेमारी के भय से सर सुंदरलाल हॉस्टल के करीब आधा दर्जन छात्रों की परीक्षा छूट गई। हॉस्टल के अधीक्षक ने छात्रों को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि वह अपने आइकार्ड के साथ अपने कमरों में मौजूद रहेंगे अन्यथा ताला तोड़ दिया जाएगा। इस भय से पढ़ाई करने वाले छात्र कमरे से बाहर नहीं निकले। हॉस्टलों में आए दिन हो रही घटनाएं व छापेमारी से सबसे ज्यादा नुकसान उन छात्रों को हो रहा है जो दूरदराज के जनपदों से यहां पढ़ाई करने के लिए आए हैं। छापेमारी में कई छात्रों की परीक्षा ही छूट गई।
सर सुंदरलाल हॉस्टल में एमएससी के छात्र नन्हें लाल गुप्ता की परीक्षा गुरुवार को थी। वह परीक्षा देने नहीं गए। उन्होंने कहा कि यदि परीक्षा देने चले जाते तो सामान बाहर फेंक कमरा सीज कर दिया जाता। अजीत कुमार की भौतिक विज्ञान की परीक्षा थी लेकिन उनकी परीक्षा छूट गई। इस तरह संदीप व अन्य छात्रों को भी अपनी परीक्षा छोड़नी पड़ी।
लौट कर आए तो सीज हो चुका था कमरा
धीरज कुमार सिंह परीक्षा में देने गए थे। कमरे में ताला लगा था लेकिन जब वह लौट कर आए तो देखा कि उनके कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली जा चुकी है और कमरा सीज कर दिया गया है। विभांशु प्रताप सिंह रेलवे का फार्म भरने के लिए गए थे, लौटने पर उन्हें भी अपना कमरा सीज मिला। इसी तरह ऐसे छात्रों का कमरा भी सीज कर दिया गया था जो वैध रूप से यहां रहते थे। वह चीफ प्राक्टर से कमरा खोलने की गुहार लगा रहे थे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
सर सुंदरलाल हॉस्टल में एमएससी के छात्र नन्हें लाल गुप्ता की परीक्षा गुरुवार को थी। वह परीक्षा देने नहीं गए। उन्होंने कहा कि यदि परीक्षा देने चले जाते तो सामान बाहर फेंक कमरा सीज कर दिया जाता। अजीत कुमार की भौतिक विज्ञान की परीक्षा थी लेकिन उनकी परीक्षा छूट गई। इस तरह संदीप व अन्य छात्रों को भी अपनी परीक्षा छोड़नी पड़ी।
लौट कर आए तो सीज हो चुका था कमरा
धीरज कुमार सिंह परीक्षा में देने गए थे। कमरे में ताला लगा था लेकिन जब वह लौट कर आए तो देखा कि उनके कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली जा चुकी है और कमरा सीज कर दिया गया है। विभांशु प्रताप सिंह रेलवे का फार्म भरने के लिए गए थे, लौटने पर उन्हें भी अपना कमरा सीज मिला। इसी तरह ऐसे छात्रों का कमरा भी सीज कर दिया गया था जो वैध रूप से यहां रहते थे। वह चीफ प्राक्टर से कमरा खोलने की गुहार लगा रहे थे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।