यूपी बोर्ड परीक्षा की काॅपियों के मूल्‍यांकन में कोरोना वायरस का खौफ, कॉपी जांचने वाले शिक्षक सहमे Prayagraj News

यूपी बोर्ड-2020 परीक्षा की कॉपियों का मूल्‍यांकन सोमवार से शुरू हो गया है। हालांकि पहले दिन मूल्‍यांकन केंद्रों पर कोरोना वायरस का खौफ शिक्षकों में दिखा। उपस्थिति भी कम रही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 10:06 PM (IST) Updated:Tue, 17 Mar 2020 08:15 AM (IST)
यूपी बोर्ड परीक्षा की काॅपियों के मूल्‍यांकन में कोरोना वायरस का खौफ, कॉपी जांचने वाले शिक्षक सहमे Prayagraj News
यूपी बोर्ड परीक्षा की काॅपियों के मूल्‍यांकन में कोरोना वायरस का खौफ, कॉपी जांचने वाले शिक्षक सहमे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य सोमवार से शुरू हुआ। हालांकि शिक्षकों ने कोरोना वायरस का खौफ भी दिखा। यह खौफ कोई एक मूल्यांकन केंद्रों में नहीं, बल्कि सभी आठों केंद्रों में भी नजर आई। हालांकि यह विशेष बात यह रही कि मूल्यांकन केंद्रों पर प्रधानाचार्यों ने खुद ही कोरोना वायरस से लडऩे की जुगत बना रखी थी।

मूल्‍यांकन केंद्रों पर पहले दिन डरे-सहमे रहे शिक्षक

पहले दिन बहुत कम शिक्षक केंद्रों पर मूल्यांकन के लिए पहुंचे। मूल्यांकन केंद्रों राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआइसी), केपी इंटर कॉलेज और राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षक दूर बैठकर कॉपियां जांचते दिखे। हालांकि उनके चेहरे पर कोरोना वायरस का डर साफ नजर आ रहा था, क्योंकि वह जिस कमरे में बैठे थे शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) विनय कुमार पांडेय के निर्देशों के मुताबिक व्यवस्थाएं नहीं नजर आई। बचाव संबंधी पोस्टर लगे थे। सवाल यह भी है कि केंद्र व्यवस्थापक निर्देश के अनुसार व्यवस्था कहां से कराएं, जब शासन ने इसके लिए कोई बजट जारी नहीं किया है। 

बोले मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्य

जीजीआइसी की प्रधानाचार्या डाॅ. इंदू सिंह ने बताया कि अपने पैसे से सैनिटाइजर, अगरबत्ती, डेटॉल, सेवलॉन, मॉस्क और तौलिया आदि मंगाया गया है। जीआइसी के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह और केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र सिंह ने भी कहा कि बचाव संबंधी सामग्री मंगाई गई है। 

मूल्‍यांकन केंद्रों के लिए यह है निर्देश

-कम से कम पांच डिस्पेंसर, लिक्विड शोप और सैनिटाइजर की उपलब्धता

-डिस्पोजल पेपर टॉवल, नैपकिन, पेपर बॉस्केट और तौलिया की उपलब्धता

-डिस्पोजल ग्लास, शुद्ध जलापूर्ति, निरंतर सफाई के लिए सफाईकर्मी की व्यवस्था

-प्रत्येक कमरे में दो-दो ऑल आउट, फागिंग का इंतजाम

-एक मीटर की दूरी पर शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था, क्या करें, क्या न करें का पोस्टर

-प्रतिदिन एंटी सेप्टिक साल्यूशन से मेज-कुर्सी, दरवाजे के हैंडिल की सफाई की व्यवस्था।

बोले जिला विद्यालय निरीक्षक

जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा कहते हैं कि सभी मूल्यांकन केंद्र व्यवस्थापकों को एक दिन पहले ही कोरोना वायरस के बचाव संबंधी इंतजाम के निर्देश दिए जा चुके हैं। निर्देश का अनुपालन न होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पहले दिन जांची गईं 15166 कॉपियां

जिले के 10 मूल्यांकन केंद्रों में पहले दिन जांचने के लिए बोर्ड से 137125 कॉपियां आवंटित की गई। हालांकि 15166 कॉपियां (11.06 फीसद) ही जांची गईं। 121959 कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हुआ। वहीं, सभी केंद्रों पर 572 डिप्टी हेड के सापेक्ष 349 और 5644 शिक्षकों के सापेक्ष 2378 शिक्षक ही पहुंचे थे।

स्‍नातक विधायक ने कहा-निर्देश का 25 फीसद भी अनुपालन नहीं हो रहा

मूल्यांकन के लिए शासन के निर्देश का 25 फीसद भी अनुपालन नहीं हो रहा है। यह बातें स्नातक विधायक डाॅ. यज्ञदत्त शर्मा ने कहीं। उनके मुताबिक मूल्यांकन केंद्रों के व्यस्थापकों ने उन्हें बताया कि व्यवस्था के लिए यूपी बोर्ड द्वारा बजट जारी नहीं किया गया। परीक्षकों ने उनसे अव्यवस्था की शिकायत की। डाॅ. शर्मा ने पीयूष कुमार सिंह, राजेश यादव, दीपक सिंह, राजीव मालवीय, प्रमोद त्यागी और विश्वनाथ प्रताप सिंह के साथ मूल्यांकन केंद्रों का जायजा लिया। उन्होंने बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव से भी बात की। सचिव ने आश्वासन दिया कि वह डीआइओएस से संपर्क कर उनसे मामले की जानकारी लेंगी और निर्देशित भी करेंगी।

उप्र माध्‍यमिक शिक्षक संघ ने सचिव को सौंपा ज्ञापन

वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने सचिव को ज्ञापन सौंपा। कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की गंभीरता के मद्देनजर मूल्यांकन केंद्रों में पूरी तरह सफाई नहीं की गई तो शिक्षकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए संघ बुधवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेगा।

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