गंगा की मिट्टी से अब घरों तक पहुंचेगी बिजली Prayagraj News

MNNIT प्रयोगशाला में 14-14 घंटे तक काम कर चार वर्षों में यह टेक्नोलॉजी विकसित की गई। अभी सेडीमेंट माइक्रोबियल फ्यूल सेल का प्रायोगिक उपयोग किया जा सकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 11:58 AM (IST) Updated:Mon, 17 Aug 2020 11:58 AM (IST)
गंगा की मिट्टी से अब घरों तक पहुंचेगी बिजली Prayagraj News
गंगा की मिट्टी से अब घरों तक पहुंचेगी बिजली Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन।  गंगा की मिट्टी से भी अब घरों तक बिजली पहुंचाई जा सकेगी। यह उम्मीद जगाई है मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोध छात्र जितेंद्र प्रसाद ने। उनके शोध को गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (ज्ञाति) अवार्ड 2020 के लिए चुना गया है। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति  सम्मानित करेंगे।

प्रयोगशाला में 14-14 घंटे तक काम कर चार वर्षों में यह टेक्नोलॉजी विकसित की

दावा है कि गंगा की मिट्टी में वैक्टीरिया (माइक्रोब्स) मिलता है। इससे रासायनिक क्रिया द्वारा इलेक्ट्रॉन उत्पन्न किया जा सकता है। इलेक्ट्रॉन, सर्किट में प्रवाहित होने के कारण सेडीमेंट माइक्रोबियल फ्यूल सेल में बिजली उत्पन्न करता है। इसके बाद लो वोल्टेज से हाई वोल्टेज में कन्वर्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रानिक्स सर्किट बनाकर सेडिमेंट मैक्रोबियल फ्यूल सेल को लो वोल्टेज से हाई वोल्टेज में कन्वर्ट किया गया। फिर 12 वोल्ट की बैट्री चार्ज कर इसे 230 वोल्ट की एसी वोल्टेज में बदलकर बिजली के बल्ब को नौ घंटे तक जलाया गया। प्रयोगशाला में 14-14 घंटे तक काम कर चार वर्षों में यह टेक्नोलॉजी विकसित की गई। अभी सेडीमेंट माइक्रोबियल फ्यूल सेल का प्रायोगिक उपयोग किया जा सकता है। शोधार्थी का यह भी दावा है कि इस तकनीक से बिजली उत्पन्न करने में प्रदूषण नहीं होता। यह तकनीक भविष्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह शोध उन्होंने प्रोफेसर रमेश कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में किया। जितेंद्र को इस शोध के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (ज्ञाति) अवार्ड 2020 के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस शोध के लिए उन्हेंं सम्मानित करेंगे। अभी यह तिथि तय नहीं हुई है।

31 संस्थानों में एमएनएनआइटी ने बनाई जगह:

पूरे देश से गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (ज्ञाति) अवार्ड 2020 के लिए सिर्फ सात शोधकर्ताओं को चुना गया है। 31 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सिर्फ मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के जितेंद्र प्रसाद ही इस अवार्ड के लिए चयनित हुए हैैं।

गाजीपुर के रहने वाले हैं जितेंद्र

शोधार्थी जितेंद्र गाजीपुर के मुहम्मदाबाद स्थित शक्करपुर गांव के मूल निवासी हैं।  उनके पिता रामकृत प्रजापति सेतु निगम में इलेक्ट्रिशियन पद से सेवानिवृत्त हैं और माता गृहणी।

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