जूनियर डॉक्टर ने की खुदकशी की कोशिश, हड़ताल से मरीज की मौत

इलाहाबाद : वाराणसी के मूल निवासी डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता मेडिसिन विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन तृतीय वर्ष में हैं। 28 जून को उनकी भांजी एसआरएन अस्पताल में नीट 2018 की काउंसिलिंग के लिए आई थी। अभिलेखों में कुछ कमी थी। डॉ. प्रमोद ने उसकी सिफारिश की तो नोडल अफसर डॉ. देवाशीष, डॉ. आरडी कमल और एके सरोज से उनकी बहस हो गई। आरोप है कि इस मामले में प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने डॉ. प्रमोद को निलंबित कर दिया। इससे परेशान डॉ. प्रमोद ने सुसाइड नोट लिखा और बुधवार रात नींद की 32 गोलियां एक साथ खा लीं। सुबह साथियों ने उन्हें बेहोश देखा तो एसआरएन अस्पताल के आइसीयू में दाखिल करा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Jul 2018 12:28 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 12:28 PM (IST)
जूनियर डॉक्टर ने की खुदकशी की कोशिश, हड़ताल से मरीज की मौत
जूनियर डॉक्टर ने की खुदकशी की कोशिश, हड़ताल से मरीज की मौत

इलाहाबाद : अपने सीनियरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ने बुधवार देर रात खुदकशी की कोशिश की। इससे नाराज साथी जूनियर डाक्टर गुरुवार सुबह हड़ताल पर चले गए। कालेज से जुड़े स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक बंद करा दी। विवाद तो कॉलेज प्रशासन ने शाम तक सुलझा लिया, लेकिन हड़ताल के कारण इलाज नहीं मिलने से रीवा (मप्र) निवासी एक महिला की मौत हो गई। वह हार्ट पेशेंट थी।

वाराणसी के मूल निवासी डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता मेडिसिन विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन तृतीय वर्ष में हैं। 28 जून को उनकी भांजी एसआरएन अस्पताल में नीट 2018 की काउंसिलिंग के लिए आई थी। अभिलेखों में कुछ कमी थी। डॉ. प्रमोद ने उसकी सिफारिश की तो नोडल अफसर डॉ. देवाशीष, डॉ. आरडी कमल और एके सरोज से उनकी बहस हो गई। आरोप है कि इस मामले में प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने डॉ. प्रमोद को निलंबित कर दिया। इससे परेशान डॉ. प्रमोद ने सुसाइड नोट लिखा और बुधवार रात नींद की 32 गोलियां एक साथ खा लीं। सुबह साथियों ने उन्हें बेहोश देखा तो एसआरएन अस्पताल के आइसीयू में दाखिल करा दिया। जानकारी फैली तो

जूनियर डॉक्टर भड़क गए और हड़ताल कर दी। ओपीडी, इमरजेंसी, डायलिसिस से लेकर आसपास के मेडिकल स्टोर तक बंद करा दिए। रीवा (मप्र) के चाकघाट से एंबुलेंस में लाई गईं प्रेमलता श्रीवास्तव को हड़ताल की वजह से नहीं देखा जा सका। करीब दो घंटे बाद उनकी एंबुलेंस में ही मौत हो गई। प्राचार्य ने महिला की मौत की जानकारी से ही इन्कार कर दिया। कॉलेज प्रशासन ने शाम करीब चार बजे डॉक्टर प्रमोद गुप्ता से माफीनामा लेकर विवाद को खत्म करा दिया।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह का कहना है कि पूरी तरह हड़ताल नहीं थी, इमरजेंसी में काम हो रहा था। जूनियर डॉक्टर ने नीट की काउंसलिंग में दबाव बनाया था। इसलिए उन्हें मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया था। अब उनकी हालत ठीक है। उन्होंने माफी मांगी है और संबद्धता भी समाप्त कर दी गई है।

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