प्रयागराज में महिला व तीन बच्‍चों मौत मामला, पुलिस की जांच में हत्या नहीं आत्‍महत्‍या का केस

थानाध्यक्ष लालापुर का कहना है कि जांच में पता चला है कि नैनी स्थित एक शिक्षण संस्थान में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाला शिवकरन ने घटना के दिन अपनी पत्नी को फोन पर फटकार लगाई थी। साथ ही उसे घर से निकल जाने के लिए कहा था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 05:58 PM (IST)
प्रयागराज में महिला व तीन बच्‍चों मौत मामला, पुलिस की जांच में हत्या नहीं आत्‍महत्‍या का केस
मोबाइल काल रिकार्डिंग का राज नहीं खुला है, जिसमें रेनू को लेकर कई सुराग मिलने की बात कही गई थी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के यमुनापार स्थित लालापुर थाना क्षेत्र के बसहाई गांव निवासी रेनू यादव और उसके तीन बच्चों की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई है। इसकी तफ्तीश पुलिस कर चुकी है। मायके वालों ने भले ही हत्या का केस दर्ज कराया है, लेकिन पुलिस की जांच में मामला आत्महत्या का बन रहा है। हां, रेनू और उसके बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने में पति के साथ ही ससुराल वालों का भी हाथ है। 

मोबाइल काल रिकार्डिंग का राज नहीं खुला

इतना ही नहीं, श्वसुर समेत अन्य लोग रेनू से मारपीट भी करते थे। हालांकि पुलिस की वह मोबाइल काल रिकार्डिंग का राज अब तक बाहर नहीं आया है, जिसमें रेनू को लेकर कई सुराग मिलने की बात कही जा रही थी।  पुलिस ने पति शिवकरन उर्फ गोरे, श्वसुर अमृत लाल यादव व देवरानी संगीता को गांव से ही गिरफ्तार किया। फिर कोर्ट में पेश करने के बाद नैनी जेल भेजा। हालांकि इसी मामले में उसके जेठ समेत पांच आरोपित अभी फरार हैं। उनकी भी तलाश चल रही है। 

तीन बच्‍चों संग तालाब में कूद महिला ने आत्‍महत्‍या की थी

एक सप्ताह पहले रेनू यादव अपनी दो बेटियों व एक बेटे के साथ गांव के तालाब में कूद गई थी। इससे चारों की मौत हो गई। घटना के बाद रेनू के पिता ने पति समेत ससुराल पक्ष के आठ लोगों के विरुद्ध एक राय होकर हत्या करने व साक्ष्य छिपाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था। तब पुलिस ने पहले पति फिर श्वसुर और उसके बाद देवरानी को पकड़कर पूछताछ शुरू की। 

लालापुर थानाध्‍यक्ष बोले- पति ने फोन पर लगाई थी फटकार

थानाध्यक्ष लालापुर मनीष त्रिपाठी का कहना है कि जांच में पता चला है कि नैनी स्थित एक शिक्षण संस्थान में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाला शिवकरन ने घटना के दिन अपनी पत्नी को फोन पर फटकार लगाई थी। साथ ही उसे घर से निकल जाने के लिए कहा था। वहीं, श्वसुर व देवरानी अक्सर घर में रेनू के साथ मारपीट करते थे। इस आधार पर तीनों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया गया। तब मुकदमे में आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने की धारा बढ़ाई गई। इसी के तहत तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

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