इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की बीवी व सालों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई, राज्‍य सरकार से मांगा जवाब

विधायक मुख्तार अंसारी की बीवी साले व अन्य पर सरकारी जमीन पर गोदाम बनाकर उप्र बीज निगम को करोड़ों रुपये के किराए पर उठाने का आरोप है। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 Jan 2022 08:48 AM (IST) Updated:Wed, 12 Jan 2022 08:48 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की बीवी व सालों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई, राज्‍य सरकार से मांगा जवाब
विधायक मुख्‍तार अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्‍य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विधायक मुख्तार अंसारी की बीवी अफसा अंसारी, साले आतिफ रजा व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है।

इन पर सरकारी जमीन पर गोदाम बनाकर उप्र बीज निगम को करोड़ों रुपये के किराए पर उठाने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने आतिफ रजा व अन्य की याचिका पर दिया है।

मामले में एफआइआर दर्ज कराई गई है

याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। इनका कहना है कि याची विकास कंस्ट्रक्शन राजदेपुर देहाती रौजा गाजीपुर का भागीदार है। बीज निगम ने टेंडर जारी किया। याची की फर्म को ठेका मिला। उसने यूनियन बैंक आफ इंडिया से लोन लेकर गोदाम व सड़क बनाया। निगम व फर्म के बीच संविदा हुई। दो करोड़ 91 लाख 76 हजार 873 रुपये किराया तय हुआ। निगम ने किराया दे दिया। इसके बाद जिला प्रशासन ने खाता सीज कर दिया और कहा सरकारी जमीन पर गोदाम बना है। इंबस पर एफआइआर दर्ज कराई गई है।

कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और किया जवाब तलब

याचीगण का कहना है कि गाटा संख्या 341 का रकबा 100 बीघा है। याची ने उसमें से कास्तकारों से 19 बीघे का बैनामा कराया है। इस मामले में पहले भी एफआइआर दर्ज है। अब उसी मामले में दुबारा केस दर्ज नहीं किया जा सकता। पहली प्राथमिकी के आरोप सिविल प्रकृति के हैं। आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और जवाब तलब किया है।

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