नाटकों ने दिया इंसानियत का पैगाम

जासं, इलाहाबाद : विश्व रंगमंच दिवस पर आम जनमानस को उससे जोड़ा गया। कलाकारों ने रंगमंच के जरिए लोगों क

By Edited By: Publish:Sat, 28 Mar 2015 01:05 AM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2015 01:05 AM (IST)
नाटकों ने दिया इंसानियत का पैगाम

जासं, इलाहाबाद : विश्व रंगमंच दिवस पर आम जनमानस को उससे जोड़ा गया। कलाकारों ने रंगमंच के जरिए लोगों की भावनाओं को कुरेदने के साथ एकता की सीख दी। इसके तहत कैंपस थियेटर द्वारा सेंट जोसेफ कालेज के होगन प्रेक्षागृह में 'सड़क पर' और 'लम्पट' नाटक का मंचन किया गया। सचिन तिवारी के निर्देशन में मंचित नाटकों के जरिए अमीरों की बादशाहत से होने वाले दुष्प्रभाव की ओर इंगित करते हुए इंसानियत का संदेश दिया गया।

'सड़क पर' के जरिए फुटपाथ पर चल रहे लोगों के दर्द को बयां किया गया। जहां पैसे वाले लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों से सड़क पर लापरवाही से चलते हैं। जबकि गरीबों के अंदर की तहजीब व इंसानियत को उनकी अमीरी के रूप में दिखाया गया। वहीं 'लम्पट' में व्यवसायियों की अंधी दौड़ को दिखाया गया। इसमें व्यवसायिक वर्ग द्वारा हर चीज को बेंचने के लिए किए जा रहे प्रचार-प्रसार को दिखाया गया कि वह अपने फायदे के लिए उसे कैसे लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। नाटकों में ध्रुवराज व धवल रस्तोगी ने शानदार अभिनय किया। वहीं पर उमेश कुशवाहा, फ्रांसिस मौर, संजय खंडूजा ने भी अहम भूमिका अदा की।

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