चीफ प्रॉक्टर को बंधक बनाया, रास्ता जाम

By Edited By: Publish:Wed, 17 Sep 2014 08:40 PM (IST) Updated:Wed, 17 Sep 2014 08:40 PM (IST)
चीफ प्रॉक्टर को बंधक बनाया, रास्ता जाम

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : पुलिस की छापामारी के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने बुधवार को परिसर से लेकर सड़क तक जमकर तांडव किया। छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर को उनके कार्यालय में ही बंधक बनाये रखा और केपीयूसी छात्रावास के सामने रास्ता जाम कर दिया। ताराचंद छात्रावास और केपीयूसी छात्रावास में हुई पुलिस की छापेमारी से नाराज सैकड़ों की संख्या में छात्र बुधवार को ताराचंद छात्रावास से जुलूस की शक्ल में छात्रसंघ भवन पहुंचे। गेट बंद होने पर छात्रों और अन्त:वासियों ने हूटिंग की तो मौजूद गार्ड ने गेट खोला। परिसर में पीएसी जवानों को देखते ही अन्त:वासी आगबबूला हो गए। आधा दर्जन पीएसी जवानों को छात्रों ने चारों ओर से घेर लिया। उन्होंने जवानों के सेफ्टी जैकेट और वर्दी नोचना शुरू कर दिया। सीनियर छात्रों के बीचबचाव के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने पीएसी जवानों को परिसर से बाहर खदेड़ कर दम लिया। इसके बाद छात्र चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि छापेमारी तय कमरों में और सीमित पुलिस बल के साथ ही किया जाए, ताकि अन्य अन्त:वासियों को परेशानी न हो। प्रदर्शनकारियों की मांग पर करीब दो घंटे तक चीफ प्रॉक्टर एसएसपी को परिसर बुलाने के लिए प्रयास करते रहे। इस दौरान छात्रों ने उन्हें बंधक बनाए रखा। एसएसपी के न आने पर प्रदर्शनकारी चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय को छात्रसंघ भवन ले गए, जहां पर उन्हें करीब एक घंटे तक बैठाए रखा। काफी देर तक जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से किसी अधिकारी के न आने से प्रदर्शनकारी छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर की मौजूदगी में केपीयूसी छात्रावास के सामने रास्ताजाम कर दिया। सड़क जाम करने पर आनन-फानन में सीओ कर्नलगंज नीति द्विवेदी व एसीएम पुष्पराज सिंह मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाकर जाम हटवाया। अंत:वासियों के आक्रोश को देखते हुए एसीएम और सीओ नीति द्विवेदी उनसे वार्ता के लिए छात्रसंघ भवन गए। करीब एक घंटे की वार्ता के बाद जिला व पुलिस प्रशासन से आगे छापेमारी में कम पुलिस बल का प्रयोग करने और तय कमरों में चीफ प्रॉक्टर द्वारा पूछताछ किए जाने के आश्वासन के बाद अन्त:वासी मानें और प्रदर्शन समाप्त किया।

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'छात्रों की मांगे जायज थीं। वो एसएसपी से बात करना चाहते थे। उनसे संपर्क कर उन्हें परिसर बुलाया गया था, लेकिन उन्हें आने में देर हो रही थी। छात्रों को समझाने में थोड़ी मुश्किल जरूर हुई, अगर मौके पर अधिकारी जल्दी आ गए होते तो मामला इतना न बढ़ता।'

प्रो.आरके उपाध्याय

चीफ प्रॉक्टर, इविवि

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