मकर संक्राति पर महंगाई को मात, शहर में जमकर हुई खरीदारी Aligarh news

पिछले दिनों चली शीतलहर के बाद रविवार को सूर्यदेव खूब चमके। गुनगुनी धूप में लोग दान-पुण्य के पर्व मकर संक्राति के लिए खरीदारी को निकले।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 12:00 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 01:01 PM (IST)
मकर संक्राति पर महंगाई को मात, शहर में जमकर हुई खरीदारी Aligarh news
मकर संक्राति पर महंगाई को मात, शहर में जमकर हुई खरीदारी Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन] पिछले दिनों चली शीतलहर के बाद रविवार को सूर्यदेव खूब चमके। गुनगुनी धूप में लोग दान-पुण्य के पर्व मकर संक्राति के लिए खरीदारी को निकले। महावीरगंज में खिचड़ी के लिए चावल, दाल व अन्य खाद्य वस्तुओं की जमकर खरीदारी की गई। सीजन से दो माह पहले इस बार महंगाई ने दस्तक दी है। मगर ग्राहकों ने इसे खरीदारी कर मात दी गई। संक्राति पर तिलकुट सहित अन्य मिठाइयों से बाजार पट गया है। बड़ा बाजार समेत कई क्षेत्रों में तिलकुट बनने की सौंधी महक आ रही है। इस बार ब्रांडेड हल्दीराम समेत कई कंपनियों ने गजक बाजार में उतारी है। 400 ग्राम गुड़ की गजक का पैकेट 90 रुपया का है। इतने ही वजन के गुड के लड्डू 160 रुपये हैं।कारोबारी अशोक शर्मा का कहना है कि इस सीजन में दो माह पहले ही महंगाई ने दस्तक दी है। तेल, तिल, गुड व अन्य खाद्य वस्तुओं पर हाल ही में दाम बढ़े हैं। वहीं एक ग्राहक साक्षी मिश्रा ने बताया कि पिछले माह रिफाइंड 90 रुपये किलो का पैकेट लेकर गए। अब 110 रुपये में मिला है। अन्य खाद्य वस्तु महंगी हैं। 

अमेरिका से आए गजक के ऑर्डर 

इस पर्व पर तिल की गजक का विशेष महत्व है। महानगर में देशी घी व वनस्पति घी से निर्मित गजक की तमाम वैरायटी तैयार होती हैं। जलाली गजक एंड स्वीट़स की सात समंदर पार से ऑन लाइन खरीदारी की जा रही है। राजीव जलाली का कहना है कि उनके यहां देश के तमाम शहरों के अलावा अमेरिका व दुबई से भी गजक के ऑर्डर आए, जिन्हें भेज दिया गया है। 

 मगर संक्रांति पर किस चीज का करें दान 

मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन खिचड़ी के दान देना विशेष फलदायी होता है। इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगे प्रतिबंध भी समाप्त हो जाते हैं। बता दें, प्रदेश में इस पर्व पर खिचड़ी सेवन और खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व बताया जाता है। 

पतंग महोत्सव पर्व भी है 

यह पर्व पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग छतों पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है। यहां नुमाइश ग्राउंड में पतंग कंप्टीशन होता है। पतंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ दिखी।

खाद्य वस्तु                   पहले          अब 

तिल सादा                   130          150 

ऑर्गेनिक तिल             220          240 

गुड बिना मसाला           50            60 

सौंठ का गुड                  60            70 

तिल कर गुड                 80          100 

मूंग की दाल                  80          100 

चावल खिचड़ी               30             34 

वनस्पति घी ब्रांडेड         95           110 

देशी घी ब्रांडेड              440           510

नोट : फुटकर बाजार के रेट रुपये में प्रतिकिलो 

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