डेढ़ साल बाद भी डीजल पर हुए खर्च का जवाब न दे सका नगर निगम, जानिए मामला Aligarh news

नगर निगम में डीजल की बढ़ती खपत पर उठे सवालों का विभागीय अधिकारी जवाब नहीं तलाश सके हैं। करीब डेढ़ साल हो गए न जांच हुई न ही पार्षदों को ब्यौरा ही उपलब्ध कराया गया। हां अधिकारियों ने इतना जरूर किया कि इस साल डीजल की खपत कम कर दी।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 03:44 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 03:44 PM (IST)
डेढ़ साल बाद भी डीजल पर हुए खर्च का जवाब न दे सका नगर निगम, जानिए मामला Aligarh news
नगर निगम में डीजल की बढ़ती खपत पर उठे सवालों का विभागीय अधिकारी जवाब नहीं तलाश सके हैं।

अलीगढ़, जेएनएन । नगर निगम में डीजल की बढ़ती खपत पर उठे सवालों का विभागीय अधिकारी जवाब नहीं तलाश सके हैं। करीब डेढ़ साल हो गए, न जांच हुई, न ही पार्षदों को ब्यौरा ही उपलब्ध कराया गया। हां, अधिकारियों ने इतना जरूर किया कि इस साल डीजल की खपत कम कर दी।   

पार्षदों ने मांगा था ईंधन पर होने वाले खर्च का ब्‍योरा

पांच नवंबर, 2019 को हुए नगर निगम के बोर्ड अधिवेशन में पार्षदों ने ईंधन पर होने वाले खर्च का ब्यौरा मांग लिया। जेनरेटर, सीवर पंप, सफाई व्यवस्था, प्रशासनिक वाहन व मेयर कार्यालय पर हर साल बढ़ रहे खर्चे का हवाला देकर जांच की मांग की थी। तत्कालीन नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल ने समीक्षा कर एक हफ्ते में ब्यौरा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। लेकिन अब तक न तो जांच हुई, न ही ब्यौरा उपलब्ध कराया गया। पार्षदों ने मांग पत्र में कहा कि 2018-19 के मूल बजट में वाहन ईधन पर 2016-17 में 4.32 करोड़ का व्यय दिखाया है। जबकि, 2017-18 के बजट में आठ करोड़ का खर्चा प्रस्तावित कर दिया गया, इसका कोई औचित्य नहीं है। बजट 2018-19 में वाहन ईधन पर दिसंबर, 2017 तक 4.08 करोड़ का व्यय दिखाया गया है।

मांग पूरी होने से पहले नगर आयुक्‍त का तबादला

मूल बजट 2019-20 में तीन माह का खर्चा दो करोड़ बढ़ाकर मार्च, 18 तक 6.05 करोड़ का व्यय दर्शाया गया है, जो तीन माह में खर्च किया जाना विधि अनुकूल नहीं है। यही नहीं, विद्युत व्यवस्था सुचारू होने के बाद भी पंप, जेनरेटर व अन्य बिजली चलित संसाधनों पर ईंधन खर्च दर्शाया गया। स्ट्रीट लाइट ईईएसएल कंपनी लगा रही है, इसमें भी निगम डीजल खर्च दिखा रहा है। पार्षदों ने पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच करने की मांग कर संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने काे कहा। लेकिन, पार्षदों की मांग पूरी न हाे सकी। इस बीच नगर आयुक्त का तबादला हो गया। नगर आयुक्त का कार्यभार एडीए वीसी प्रेम रंजन सिंह को सौंप दिया गया। इनके सामने भी ईंधन का मुद्​दा उठा। पुराने विवादों में न उलझकर नगर आयुक्त डीजल की खपत करने कम करने को ज्यादा महत्व दिया। कुछ सफलता भी मिली। पार्षदों ने भी सवाल उठाने बंद कर दिए।

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