Lockdown 3: AMU छात्र अपने घरों पर, नियम ताक पर Aligarh News

39 बसों के जरिये यूपी के करीब एक हजार विद्यार्थियों को अलग-अलग जिलों में उनके घर तक पहुंचाया गया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 02 May 2020 12:10 PM (IST) Updated:Sun, 03 May 2020 02:34 PM (IST)
Lockdown 3: AMU छात्र अपने घरों पर, नियम ताक पर Aligarh News
Lockdown 3: AMU छात्र अपने घरों पर, नियम ताक पर Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से विद्यार्थियों को घर तो भेजा गया मगर लचर इंतजामात ने शारीरिक दूरी के नियम तार-तार कर दिए। घर जाने को स्क्रीनिंग कराने, अपनी बस का नंबर देखने व बस की पूछताछ में छात्र-छात्राओं का हुजूम उमड़ा रहा। एएमयू प्रवक्ता शाफे किदवई ने बताया कि 39 बसों के जरिये यूपी के करीब एक हजार विद्यार्थियों को अलग-अलग जिलों में उनके घर तक पहुंचाया गया है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एक बस में 30 से 35 छात्र-छात्राओं को ही बैठाया गया है। तकरीबन 1800 विद्यार्थी घर जाने वालों की सूची में हैं, शनिवार व रविवार तक इनको भी घर पहुंचाया जाएगा।

प्रॉक्टर ऑफिस पर भी भीड़

इंतजामिया की ओर से उनको दूर-दूर खड़ा करने या भीड़ न लगने जैसी व्यवस्था प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर नहीं दिखाई दी। यहां तक कि प्रॉक्टर कार्यालय परिसर के अंदर भी विद्यार्थी भीड़ लगाए रहे। तमाम विद्यार्थियों ने मास्क तक नहीं पहना था।

इन रूटों पर भेजी बसें

एएमयू प्रवक्ता शाफे किदवई ने बताया कि 39 बसों के जरिये यूपी के करीब एक हजार विद्यार्थियों को अलग-अलग जिलों में उनके घर तक पहुंचाया गया है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एक बस में 30 से 35 छात्र-छात्राओं को ही बैठाया गया है। तकरीबन 1800 विद्यार्थी घर जाने वालों की सूची में हैं, शनिवार व रविवार तक इनको भी घर पहुंचाया जाएगा। बताया कि सहारनपुर, बिजनौर, पीलीभीत, नगीना, आजमगढ़, दिलदार नगर, देवरिया, शाहजहांपुर, वाराणसी, बहराइच, गाजीपुर, झांसी व प्रयागराज इन 13 रूट पर बसों को भेजा गया है।

विद्यार्थियों ने जताई खुशी

अलीगढ़ का आखिरी गांव 60 किलोमीटर की दूरी पर धर्मपुर पड़ता है। वहां जा नहीं पा रहा था। अब घर पहुंचकर खुशी मिली है। उम्मीद नहीं थी कि घर पहुंच पाएंगे। घर से ही पढ़ाई होगी।

कौशल कुमार, बीएससी फाइनल

उम्मीद नहीं थी कि घर जाऊंगा। परिजनों से मिलकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बुलंदशहर में गांव सील था, 15 किलोमीटर पैदल जाना पड़ा। दिक्कत कम खुशी ज्यादा मिली।

मनीष, बीएससी गणित

chat bot
आपका साथी