एलआइसी कर्मियों ने किया प्रदर्शन, यह है वजह Aligarh news

बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने का कर्मचारी व अफसरों ने पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Tue, 04 Feb 2020 05:40 PM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 05:40 PM (IST)
एलआइसी कर्मियों ने किया प्रदर्शन, यह है वजह Aligarh news
एलआइसी कर्मियों ने किया प्रदर्शन, यह है वजह Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने का कर्मचारी व अफसरों ने पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है। सोमवार को मसूदाबाद स्थित मंडल मुख्यालय पर डिवीजन इंश्योरेंस एंप्लाइज व फेडरेशन ऑफ एलआइसी क्लास वन ऑफीसर्स एसोसिएशन की अगुवाई में लंच बाद सांकेतिक प्रदर्शन किया गया। मंगलवार को भी एक घंटे हड़ताल होगी। 

42 करोड बीमाधारकों के साथ धोखा

इस प्रदर्शन को नेशनल फेडरेशन आफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स आफ  इंडिया, ऑल इंडिया इंश्योरेंस एंप्लाइज एसोसियेशन, एससी/एसटी वेलफेयर एसोसियेशन, लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया के सदस्यों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। एंप्लाइज एसोसिएशन सचिव ललित शर्मा ने कहा कि एलआइसी विनिवेशीकरण करना इसके 42 करोड बीमाधारकों के साथ धोखा है। एलआइसी एक विश्वस्तरीय संस्था है तथा 1956 में इसके गठन के बाद से ही एलआइसी ने भारत सरकार को लाखों करोड़ रूपया लाभांश के रूप में दिया है ।

एलआइसी में सरकार की वित्तीय पूंजी मात्र 100 करोड की है

केंद्र की कोई भी पंचवर्षीय योजना ऐसी नहीं है जिसमें एलआइसी द्वारा निवेश न किया गया हो । भारत सरकार के किसी भी वित्तीय संकट को एल.आई.सी. द्वारा ही दूर किया गया है । विदित हो कि कुछ दिन पहले ही एलआइसी ने भारत सरकार को रू. 2711 करोड का लाभांश दिया है जबकि एलआइसी में सरकार की वित्तीय पूंजी मात्र 100 करोड की है । एल.आई.सी. एक ब्राण्ड है ।प्रथम श्रेंणी अधिकारी संघ के मंडल अध्यक्ष डीएस सेंगर ने कहा कि सरकार पूंजीवादी व्यवस्था को आंख बंद करके लाने का प्रयास कर रही है ।

अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब होता जा रहा

आज के दौर में इस व्यवस्था के कारण अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब होता जा रहा है। विकास अधिकारी संगठन के मुख्यालय सचिव अनुराग जौहरी ने कहा कि 31 लाख करोड़ की परिसंपत्तियां हैं। प्रदर्शन को अभिकर्ता संगठन के विजयदेव सिंह, अरूण जौहरी, अनुज माथुर, अलका भाल, सतीश राजोरिया, आनन्द बिहारी, वेद सारस्वत, अंकित गौड़ सतवीर सिंह, अजय कपूर, पी.के. अग्रवाल, रवि गर्ग, ह्रदेश, एस.के.खरे, नकुल सिंह, रूचिर सक्सेना, ए.पी. मण्डोला, डी.सी. पोखरियाल, सचिन जैन, प्रमोद उपाध्याय, अविनाश अशोक, र्रिश्म, दलवीर सिंह आदि मौजूद थे। 

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