अलीगढ़ में फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र से ऐसे हो रहा लाखों का फर्जीवाड़ा

कोल तहसील में सरकारी सिस्टम में लापरवाही के दो मामले तो बानगी भर हैं। जिले की सभी तहसीलों में प्रमाण पत्रों में बड़ा खेल चल रहा है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 09:52 AM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 09:52 AM (IST)
अलीगढ़ में फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र से ऐसे हो रहा लाखों का फर्जीवाड़ा
अलीगढ़ में फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र से ऐसे हो रहा लाखों का फर्जीवाड़ा

अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)। कोल तहसील में सरकारी सिस्टम में लापरवाही के दो मामले तो बानगी भर हैं। जिले की सभी तहसीलों में प्रमाण पत्रों में बड़ा खेल चल रहा है। अफसरों की मिलीभगत से बिना जांच बाहरी जिलों के लोग भी मूल निवास बनवा रहे हैं। फर्जी वारिसान से रिश्तेदार मृतकों की लाखों की संपत्ति हड़प रहे हैं। कोल तहसील में दो मामलों की पुष्टि होने पर डीएम ने एक्शन शुरू कर दिया है। एसडीएम को जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अन्य तहसीलों के एसडीएम को भी पारदर्शिता से जांच कराकर प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।

यह है प्रक्रिया

सभी प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी करने का नियम है। कोई व्यक्ति जन सेवा केंद्र से आवेदन कर सकता है। इसके बाद प्रमाण पत्र तहसील में पहुंचता है। लेखपाल रिपोर्ट लगाकर तहसीलदार को भेजता है। आय व जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार स्तर से जारी होता है। मूल निवास एसडीएम जारी करते हैं। वारिसान प्रमाण पत्र में एसडीएम की रिपोर्ट पर जिले पर नियुक्त नोडल अधिकारी देते हैं

ऐसे करते हैं खेल

तहसीलों में इसके लिए दलालों का गैंग है। दलाल आवेदन से लेकर पूरा ठेका लेता है। इसके बाद अफसरों से मिलीभगत कर प्रमाण पत्र जारी करा देता है।

भाई-बहन ने निकाले 19 लाख

कोल तहसील के सराय रतनलाल निवासी सरदार पहलवान की मौत हो गई थी। कुछ दिन बाद 2012 में कोल तहसील से इनका वारिसान प्रमाण पत्र जारी हो गया है। इसमें आरशी लाखे को इकलौती बेटी दर्शाया गया। 31 अगस्त 2017 को तहसील से इन्हीं का दूसरा प्रमाण पत्र जारी हुआ है। इसमें नवां एवं मो. इस्लाम भाई, शाहजहां, नूरजहां महरून व जैबुरनिशा को बहन दर्शाया गया। इसमें आरशी लाखे का नाम तक नहीं था। इसी आधार पर भाई एवं बहन ने 19 लाख रुपये बैंक से निकाल लिए। इसके विरोध में दूसरे पक्ष ने मुकदमा दर्ज करा दिया।

फर्जी वारिसान के आधार पर नौकरी की तैयारी

खैर तहसील के गांव अंडला निवासी कुमकुम क्वार्सी स्थित नाहर सिंह इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक थीं। बीते वर्ष इनकी मौत हो गईं। 31 अगस्त 2017 को इनके वारिसान प्रमाण पत्र में रजनी को इकलौती पुत्री दर्शाया गया। 28 सितंबर को इन्हीं का अन्य वारिसान जारी हुआ। इसमें रिषभ, दीपक कुमार एवं मनोज कुमार को पुत्र, सुमन, मधुवाला एवं रजनी पुत्री बताए गए। रजनी ने फर्जी वारिसान को आधार बनाकर नौकरी लेने की तैयारी कर ली।

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में एसडीएम कोल को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

chat bot
आपका साथी