एएमयू में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने राज्यपाल के दावतनामा को ठुकराया /Aligarh news

ईद पर दावत का किया गया इंतजाम छात्रों ने परिजनों के हालात का हवाला देते हुए किया बहिष्कार।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Mon, 12 Aug 2019 01:09 AM (IST) Updated:Mon, 12 Aug 2019 10:21 AM (IST)
एएमयू में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने राज्यपाल  के दावतनामा को ठुकराया /Aligarh news
एएमयू में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने राज्यपाल के दावतनामा को ठुकराया /Aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। ईद-उल जुहा पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की ओर से पेश की गई दावतनामे की भावना को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र समझ नहीं पाए हैं। उन्होंने दावत को ठुकरा दिया है। छात्रों के लिए सोमवार को एएमयू के गेस्ट हाउस-एक में दावत की व्यवस्था की गई है। छात्रों का कहना है कि छह-सात दिन से परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, वो किस हाल में हैं? ऐसे में हम दावत नहीं खा सकते।

हॉल के प्रोवोस्ट ने जारी किया पत्र

एएमयू रजिस्ट्रार की ओर से ईद पर दोपहर के खाने के लिए छात्रों के लिए संदेश जारी किया गया था। रजिस्ट्रार के पत्र का हवाला देते हुए सभी हॉल के प्रोवोस्ट ने भी पत्र जारी किया, जिसमें राज्यपाल की ओर से दावत देने की बात कही गई। सरकार ने इसके लिए संजय पंडित को लाइजनिंग ऑफिसर बनाया था। छात्रों को जैसे-जैसे ईद पर दोपहर के खाने की सूचना मिली, आपस में मंथन करने में जुट गए। शाम को तय किया कि दावत का बहिष्कार करेंगे। कश्मीरी छात्र जुबैर अल्ताफ ने बताया कि हमारे घरों के हालात ठीक नहीं हैं। हम खुशी कैसे मना सकते हैं? घरवालों से बात नहीं हो पा रही है। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के लोगों से सलाह लिए बगैर अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया। भोजन की बात कहकर हमारे जले पर नमक छिडऩे का काम किया जा रहा है। राज्यपाल सहानुभूति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

वीसी लॉज में लंच कर बकरीद मनाएंगे कश्मीरी

सरकार का दावत नामा ठुकराने वाले कश्मीरी छात्र कुलपति आवास पर आयोजित भोज में शामिल होंगे। कुलपति ने उन्हें पहले ही आमंत्रित कर रखा है। एएमयू में कश्मीरी छात्रों की संख्या एक हजार के करीब है। वर्तमान में यहां पांच सौ के करीब ही हैं। अनु'छेद 370 खत्म होने के बाद इंतजामिया ने उन्हें कैंपस न छोडऩे की सलाह दी थी। इसके चलते ही कुलपति ने उन्हें बकरीद पर दोपहर के खाने के लिए आमंत्रित किया था।

छह दिन पहले आया था संदेश

कश्मीरी छात्रों को बकरीद पर लंच देने योजना छह दिन पहले ही बन गई थी। छह अगस्त को दिल्ली से आए भारत सरकार के लाइजनिंग ऑफिसर संजय पंडिता ने इस संबंध में कुलपति व रजिस्ट्रार से मुलाकात की थी। इसके बाद ही गेस्ट हाउस नंबर एक में दावत देने की बात तय हुई। एएमयू के प्रवक्ता प्रो. शाफे किदवई का कहना है कि राज्यपाल की ओर से दावत की व्यवस्था की गई थी। यूनिवर्सिटी की ओर से इसका लेना-देना नहीं है। लाइजनिंग ऑफिसर भी सरकार ने नियुक्ति किया है।

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