जेपी हॉस्पिटल के स्पाइनल सर्जन बोले, मुसीबत बन सकती है कमर दर्द की अनदेखी

आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल कंप्यूटर पर लगातार काम व व्यायाम का अभाव रीढ़ की हड्डी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Mon, 29 Apr 2019 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 30 Apr 2019 08:37 AM (IST)
जेपी हॉस्पिटल के स्पाइनल सर्जन बोले, मुसीबत बन सकती है कमर दर्द की अनदेखी
जेपी हॉस्पिटल के स्पाइनल सर्जन बोले, मुसीबत बन सकती है कमर दर्द की अनदेखी

अलीगढ़, जेएनएन।  भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल, कंप्यूटर पर लगातार काम व व्यायाम का अभाव रीढ़ की हड्डी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। युवावस्था में ही लोग कमर दर्द से पीडि़त हो रहे हैं, इसकी अनदेखी बड़ी मुसीबत भी बन सकती है। यह जानकारी जेपी हॉस्पिटल के स्पाइनल सर्जन डॉ. सौरव रावल ने स्वास्थ्य परिचर्चा के दौरान मरीजों को दी।

समय पर इलाज जरूरी

रामघाट रोड स्थित प्रकाशशील फिजियोथेरेपी एंड ऑर्थोकेयर सेंटर पर नोएडा के जेपी हॉस्पिटल के सहयोग से आयोजित परिचर्चा में डॉ. रावल ने बताया कि हमारी कमर की बनावट में हड्डियां, कार्टिलेज (डिस्क) जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट व नसें आदि शामिल हैं। इनमें से किसी में भी समस्या पैदा होने से कमर दर्द उत्पन्न होता है। इसका समय पर दवा व फिजियोथेरेपी आदि से उपचार जरूरी है।

तत्काल इलाज की जरूरत

सेंटर के संचालक डॉ. केके शर्मा ने बताया कि कमर दर्द का किसी व्यक्ति के काम से गहरा संबंध है। ऐसा काम जो ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठकर करना पड़े। वजन उठाने व अन्य कारणों से भी कमर दर्द हो सकता है। इसकी पहचान कर तुरंत इलाज की जरूरत है। डॉ. शर्मा ने लोगों को उठने-बैठने, सोने, चलने का सही तरीका भी समझाया।

परिचर्चा में ये रहे मौजूद

परिचर्चा में डॉ. श्रतेश परिहार, डॉ. रामप्रकाश मुखिया, डॉ. मोहित दीक्षित, डॉ. पर्व सक्सेना, डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. अक्षय रस्तोगी, प्रिया, बब्ली, संजय, गौरव, यश, नीरज व सत्यम आदि मौजूद रहे।

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