28 डिग्री कालेजों के सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की ओर से जिले के 28 डिग्री कालेजों को नोटिस दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 08:28 PM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 08:28 PM (IST)
28 डिग्री कालेजों के सैकड़ों  
छात्रों का भविष्य अधर में
28 डिग्री कालेजों के सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की ओर से जिले के 28 डिग्री कालेजों को नोटिस जारी किया गया है। इन कालेजों की ओर से 2017 से 2020 तक का परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया गया है। हालांकि विवि से संबद्ध कालेज जिनको नोटिस जारी किया गया है उनकी संख्या 216 है। इनमें से 28 कालेज अलीगढ़ हैं। विश्वविद्यालय की ओर से नोटिस जारी करते हुए 30 मई तक इन सभी कालेजों को चार वर्षों का परीक्षा शुल्क जमा करने के आदेश दिए गए हैं।

इन 28 डिग्री कालेजों में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। कालेज संचालकों की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को अपना एक वर्ष दांव पर लगाकर भुगतना पड़ सकता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क तो ले लिया गया है लेकिन विश्वविद्यालय के पास नहीं भेजा गया है। ऐसा करने वाले भी कुछ कालेज 28 नामों की सूची में शामिल हैं। अगर इन कालेजों ने 30 मई तक परीक्षा शुल्क का भुगतान नहीं किया तो अगली परीक्षाओं से विद्यार्थियों को वंचित भी किया जाएगा। विद्यार्थियों का भविष्य खराब हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कालेज संचालकों की होगी। विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी डा. सुनीता गुप्ता ने बताया कि चार वर्षों से परीक्षा शुल्क जमा न करने वाले कालेजों की लाग इन आइडी पर नोटिस भेजा गया है। 30 मई तक शुल्क न जमा हुआ तो इन संस्थानों के छात्रों की अगली परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी।

आनलाइन पढ़ाई की निगरानी के लिए बनी समिति: माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए आनलाइन पढ़ाई की शुरुआत कर दी गई है। विद्यालय विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी के लिए अफसरों ने समिति की गठन किया है। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि समिति विद्यालयों की रिपोर्ट लेगी। देखा जाएगा कि कितने विद्यार्थियों को इंटरनेट मीडिया के जरिए पढ़ाई कराई गई। किस विद्यालय से कितने वीडियो तैयार कराकर छात्र-छात्राओं को दिए गए। कहा कि हर कालेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी है कि वे छात्रों की आनलाइन पढ़ाई सुनिश्चित कराएं। शिक्षकों को रोटेशन प्रणाली से बुलाया जाए या घर से ही शिक्षक वीडियो बनाएं, ये तय करने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्यों की है। आनलाइन शिक्षण की साप्ताहिक रिपोर्ट दफ्तर पर मंगाई जाएगी। जिन विद्यालयों की ओर से लापरवाही बरती जाएगी उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

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