हबीब पेंटर ने शायरी में भरे सुर-संगीत के 'रंग,Aligarh news

कव्वाली सुनने का शौकीन कोई ऐसा शख्स नहीं जो हबीब पेंटर के नाम से वाकिफ न हो। हबीब पेंटर ने देश-दुनिया तक शोहरत पाई। उनकी कव्वाली बहुत कठिन हैडगर पनघट की को खूब सराहना मिली।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 07:48 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 07:48 PM (IST)
हबीब पेंटर ने शायरी में  भरे सुर-संगीत के 'रंग,Aligarh news
हबीब पेंटर ने शायरी में भरे सुर-संगीत के 'रंग,Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : कव्वाली सुनने का शौकीन कोई ऐसा शख्स नहीं, जो हबीब पेंटर के नाम से वाकिफ न हो। हबीब पेंटर ने देश-दुनिया तक शोहरत पाई। उनकी कव्वाली 'बहुत कठिन है, डगर पनघट की को खूब सराहना मिली। आज भी पसंद की जाती है। 1963 में जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री गुलाम बख्शी ने उन्हें 'बुलबुल-ए-हिंद की उपाधि से सम्मानित किया। 33वीं पुण्यतिथि पर आइए उस्ताद कव्वाल हबीब पेंटर को याद करें...

चित्रकार से महान कव्वाल तक  

हबीब पेंटर का जन्म 19 मार्च 1920 को उस्मानपाड़ा में हुआ। प्रारंभिक दौर में जीविका घरेलू चित्रकार के रूप में चलाते थे, इसलिए हबीब पेंटर कहलाए। उन्होंने कव्वालियां ही नहीं, सूफियाना कलाम भी गाए। कृष्ण, सत्संग व आध्यात्मिक गीतों को सुर दिए। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, डॉ राधाकृष्णन, ज्ञानी जेल सिंह, फखरुद्दीन अली अहमद, चौधरी चरण सिंह और बख्शी गुलाम मुहम्मद आदि उन्हें बहुत सम्मान देते थे। यहां उनकी याद में बुलबुले ङ्क्षहद पार्क भी बनवाया गया।  22 फरवरी 1987 को उनका इंतकाल हो गया। 

विरासत के वारिस 

हबीब पेंटर के चार बेटे अनीस पेंटर, राजू पेंटर, गुड्डू पेंटर व शाहनवाज पेंटर थे। अनीस पेंटर ने उनकी विरासत को संभाला और ख्याति पाई। अनीस की मृत्यु के बाद हबीब की विरासत के दो दावेदार हो गए। पहले खुद अनीस पेंटर के बेटे गुलाब फरीद पेंटर अपने फन को लोहा मनवा रहे हैं। राजू पेंटर के बेटे गुलाब हबीब पेंटर भी कव्वाली में नाम रोशन कर रहे हैं। 

उनकी बराबरी मैं तो कोई नहीं 

हबीब पेंटर के पौत्र, गुलाब हबीब पेंटर का कहना है कि ऐसा कोई कव्वाल नहीं जो दद्दू (हबीब पेंटर) को न गाता हो। उनकी बराबरी मैं तो क्या कोई नहीं कर सकता, फिर भी मैं कव्वाली को देश-दुनिया तक पहुंचाने में जुटा हूं। फरीद भी बहुत अच्छा गाते हैं। 

आज भी कव्वाली की दुनिया के सम्राट कहे जाते

हबीब पेंटर के पौत्र  फरीद पेंटर बाेले कि हबीब पेंटर आज भी कव्वाली की दुनिया के सम्राट कहे जाते हैं। हर कव्वाल उनकी इज्जत करता है। पिता अनीस के बाद उनकी विरासत मैंने संभाली। चचेरे भाई गुलाम हबीब भी अच्छा गा रहे हैं। 

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