शिक्षक व अभिभावक मिलकर कराएंगे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई, बनाई व्यवस्था Aligarh News

कोरोना संक्रमण काल में उपजी विषम परिस्थितियों में चरमराई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब शिक्षक व अभिभावक एक साथ साझा अभियान में शामिल होंगे। संवाद के जरिए इस मुहिम काे अमलीजामा पहनाया जाएगा। विषय संबंधी खामी शिक्षक को पता चल जाएगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 02:24 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 02:24 PM (IST)
शिक्षक व अभिभावक मिलकर कराएंगे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई,  बनाई व्यवस्था Aligarh News
कोरोना संक्रमण काल में चरमराई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में उपजी विषम परिस्थितियों में चरमराई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब शिक्षक व अभिभावक एक साथ साझा अभियान में शामिल होंगे। शिक्षकों व अभिभावकों के संवाद के जरिए इस मुहिम काे अमलीजामा पहनाया जाएगा। शिक्षक विद्यार्थियों के अभिभावकों को फोन कर बच्चे की आनलाइन पढ़ाई के बारे में पूछेंगे। साथ ही उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी करेंगे। अभिभावक भी शिक्षकों से बात कर बच्चे की विषय संबंधी कमजोरी से अवगत कराएंगे। शिक्षक व अभिभावकों के इस संवाद के बारे में विद्यार्थी को पता भी नहीं होगा और उसकी विषय संबंधी खामी शिक्षक को पता चल जाएगी। विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा से जोड़कर बेहतर तैयारी कराने के उद्देश्य से ये पहल की जा रही है।

यह है नई व्‍यवस्‍था

माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के जिनके पास इंटरनेट सुविधा व एंड्रायड मोबाइल उपलब्ध हैं उनको आनलाइन पढ़ाई कराने की मुहिम तेज की जा रही है। अफसरों ने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा से जोड़कर विद्यालयवार रिपोर्ट पेश की जाए। शिक्षकों को इस संबंध में जानकारी करा दी गई है कि वे अभिभावकों से नियमित या एक दिन के अंतराल पर फोन कर विद्यार्थियों की पढ़ाई के बारे में जानकारी करेंगे। उनकी कमियों को जानकर वैसे ही पाठ्यक्रम की तैयारी कराएंगेे। नौंवी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए ये व्यवस्था बनाई गई है। यूपी बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। नौवीं व 11वीं के विद्यार्थियों को कोर्स पूरा कराने की कवायद की जाएगी। विषयों की तैयारी के बाद होमवर्क भी आनलाइन माध्यम से कराने की योजना है। इसके पहले अभिभावकों व शिक्षकों के बीच बैठक की जाएगी। 

अभिभावकों का सहयोग जरूरी 

अभिभावकों को प्रश्नपत्र इस विश्वास के साथ सौंपे जाएंगे कि वो इमानदारी से विद्यार्थी के भविष्य व फायदे के लिए अपनी निगरानी में परीक्षा कराएंगे। क्योंकि इन परीक्षा का वार्षिक परिणाम में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये केवल विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता को परखने के लिए होगा। ये बातें बैठक में अभिभावकों को समझाई जाएंगी। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षक-अभिभावक संवाद के जरिए विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी कराने का प्रयास है। ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षकों के साथ अभिभावकों का भी इसमें सहयोग देना जरूरी है।

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