मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के इन अनसुलझे सवालों का आखिर कब मिलेगा जवाब Agra News
बागपत जेल में नौ जुलाई 2018 को हुई थी वारदात सुनील राठी पर है हत्या का आरोप। जेलर उदय प्रताप की बर्खास्तगी के आदेश में है गंभीर लापरवाहियों का जिक्र।
आगरा, अली अब्बास। जेलर की लापरवाही से बागपत जेल पर उनका नियंत्रण लगभग खत्म हो गया था। जेल का प्रशासन माफिया सुनील राठी के इशारे पर चलता था। उसके मुलाकातियों एवं उनके सामान की तलाशी नहीं ली जाती थी। वह बेरोक-टोक जेल में आते थे, उनका कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता था। इसके चलते ही कुख्यात राठी के पास पिस्टल जेल के अंदर पहुंच गई। आरोप के मुताबिक राठी ने इसी पिस्टल से मुन्ना बजरंगी की हत्या की। मुख्यमंत्री के सख्त तेवर के बाद बागपत जेल के जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी आदेश में जेलर की इसी प्रकार की लापरवाहियों का जिक्र है।
बागपत जेल परिसर में नौ जुलाई की सुबह 6:05 बजे पूर्वांचल के डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भून दिया गया था। हत्या का आरोप पउप्र के माफिया सुनील राठी पर है। सनसनीखेज घटना में लापरवाही बरतने पर जेलर, डिप्टी जेलर एवं दो बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया था। जांच के बंदी रक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया। जेलर उदय प्रताप सिंह को दो दिन पहले बर्खास्त करने के आदेश जारी हुए।
पिस्टल पहुंचने की गुत्थी अनसुलझी
जेल-प्रशासन की लापरवाही की जांच डीआइजी कारागार रेंज, आगरा द्वारा की गई थी। जो कि तीन बिंदुओं पर आधारित थी। जेल में पिस्टल कैसे पहुंची, इसमें किसकी लापरवाही थी। तीन दर्जन से अधिक पृष्ठ की जांच रिपोर्ट में जेल प्रशासन की लापरवाही का जिक्र है। मगर, आरोपित तक पिस्टल किस दिन और कैसे पहुंची, इसके लिए मुख्य रूप से कौन जिम्मेदार था। यह गुत्थी नहीं सुलझ सकी है।
डिप्टी जेलर पर भी बर्खास्तगी की तलवार
जेलर उदय प्रताप के खिलाफ कार्रवाई के बाद वहां तैनात एक डिप्टी जेलर पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। उसे नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। मगर, डिप्टी जेलर ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
जेल में एक नहीं दो पिस्टल पहुंची थी
बागपत जेल में एक नहीं बल्कि दो पिस्टल पहुंची थीं। आशंका को इसलिए भी बल मिलता है कि जिस पिस्टल से मुन्ना बजरंगी पर गोलियां दागी गईं, वह पुलिस ने बैरक के अहाते में बने सीवर टैंक से बरामद की थी। जो कि बिहार के मुंगेर की बनी हुई थी। आरोपित राठी जैसा कुख्यात, बजरंगी की हत्या में देसी पिस्टल का प्रयोग करेगा, यह अटपटा लगता है। बरामद पिस्टल को आगरा फोरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा गया, बजरंगी के शव से मिली गोली उक्त पिस्टल से मैच नहीं हुई। आशंका है कि आरोपित ने हत्या में प्रयुक्त पिस्टल को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर किसी जेलकर्मी या गुर्गे के माध्यम से बाहर भिजवा दी होगी।
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