आगरा में राशन मांगने पर कार्डधारकों को एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देता है कोटेदार
दुकान स्टाक में 52 कुंतल की जगह मिला महज 1.75 कुंतल गेहूं। ताजगंज के बिसैरा कला गांव का मामला पूर्ति निरीक्षक ने लिखाया मुकदमा। पूर्ति निरीक्षक 15 नवंबर को बिसैरा कला में उचित दर दुकान का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजगंज के बिसैरा कला गांव में गरीबों के लिए सरकार द्वारा आवंटित किया गया गेहूं कोटेदार डकार गया। राशन मांगने पर वह कार्ड धारकों को एसीएसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देता था। पूर्ति निरीक्षक के निरीक्षण में हकीकत सामने आ गई। इसके बाद कार्ड धारक भी खुलकर बोलने लगे। जांच और उनके बयान के बाद पूर्ति निरीक्षक ने कोटेदार के खिलाफ ताजगंज थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
पूर्ति निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने ताजगंज थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें ताजगंज के बिसैरा कला निवासी कोटेदार मोतीलाल को नामजद किया गया है। अजय कुमार सिंह ने पुलिस को बताया कि वे 15 नवंबर को बिसैरा कला में उचित दर दुकान का निरीक्षण करने पहुंचे थे। मौके पर कोटेदार मोतीलाल मिले। सत्यापन के लिए उनसे स्टाक रजिस्टर,वितरण रजिस्टर और ई पॉश मशीन मांगी। मगर, मोतीलाल ने हीलाहवाली करते हुए उन्हें कुछ नहीं दिखाया। उनसे कह दिया कि स्टाक रजिस्टर बड़े बेटे बेदप्रकाश के पास है। छोटा बेटा उदय ई पॉश मशीन लेकर गांव में कार्डधारकों के अंगूठे लगवाने गया है। यह भी बताया कि वेदप्रकाश 13 नवंबर को राशन लेकर आया है। 14 नवंबर को कुछ कार्ड धारकों को वितरित किया गया है। उनके इस बयान पर पूर्ति निरीक्षक को शक हुआ। थोड़ी देर में ही मौके पर कार्ड धारक पहुंच गए। उन्होंने कोटेदार पर आरोप लगाया कि वह अंगूठा तो लगवा लेता है, लेकिन राशन नहीं देता है। कुछ कार्ड धारकों ने यहां तक कहा कि राशन मांगने पर कोटेदार और उसका बेटा उन्हें एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देता है। पूर्ति निरीक्षक ने मौके पर मौजूद 47 लोगों के बयान लिए। सभी ने कोटेदार पर इसी तरह के आरोप लगाए। इनमें लहरा देवी, रानी, माया, विमलेश व अन्य शामिल हैं।ढाई घंटे बाद भी कोटेदार रजिस्टर उपलब्ध नहीं करा पाया। बाद में ई पॉश मशीन दिखाई गई तो वह क्षतिग्रस्त थी। रिकार्ड के अनुसार, स्टाक में 32.65 कुंतल गेहूं होना चाहिए था, लेकिन दुकान पर मात्र 1.75 कुंतल गेहूं ही शेष था।इस तरह 50.90 कुंतल गेहूं और 3.45 कुंतल चावल निर्धारित स्टाक से कम मिले। इससे स्पष्ट हो गया कि कोटेदार द्वारा कार्ड धारकों को वितरित किए जाने के बजाय गेहूं को बाजार में ठिकाने लगाया जा रहा है।