Schizophrenia: केमिकल लोचा से शक, नजर रख रहे हमशक्ल रिश्तेदार, अनदेखा न करें सिजोफ्रेनिया के इन लक्षणाें को

Schizophrenia 18 से 35 साल के महिला और पुरुषों में हो रही बीमारी। इलाज से पूरी तरह से हो रहे ठीक। एक अनुमान के तहत आगरा जिले में 52 हजार लोगों को सिजोफ्रेनिया की समस्या हो सकती है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 12 Jun 2022 09:52 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jun 2022 09:52 AM (IST)
Schizophrenia: केमिकल लोचा से शक, नजर रख रहे हमशक्ल रिश्तेदार, अनदेखा न करें सिजोफ्रेनिया के इन लक्षणाें को
Schizophrenia:आगरा जिले में 52 हजार लोगों को सिजोफ्रेनिया हो सकता है।

आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज के मनोरोग विभाग में भर्ती महिला को शक है कि उसके घर में हमशक्ल रिश्तेदार हैं। उस पर नजर रखने के लिए उन्हें घर पर छोड़ा है। इससे वह उग्र हो गई और स्वजनों से मारपीट करने लगी। शक की बीमारी ही सिजोफ्रेनिया है, केमिकल लोचा (डोपामिन न्यूरोट्रांसमिटर के स्तर में असंतुलन) से यह बीमारी हो रही है।

अनुवांशिक, तनाव सहित कई अन्य कारण से डोपामिन स्तर में असंतुलन से सिजोफ्रेनिया की बीमारी हो रही है। इसमें कान में आवाज आती हैं, शक होने लगता है। यह बीमारी पुरुषों में पढ़ाई और करियर के समय में होती है, इसे वह गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्हें लगता है कि पढ़ाई के तनाव के कारण समस्या हो रही है। ऐसे में इलाज न होने पर बीमारी बिगड़ती जाती है। वहीं, महिलाओं में 30 साल की उम्र के बाद बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, शक की आदत से वैवाहिक जीवन में विवाद शुरू हो जाता है। महिलाओं में इलाज के रिजल्ट अच्छे हैं।

52 हजार लोगों को बीमारी, 30 प्रतिशत ही करा रहे इलाज

एक अनुमान के तहत जिले में 52 हजार लोगों को सिजोफ्रेनिया की समस्या हो सकती है। मगर, वे इसे समझ नहीं पाते हैं। इसलिए इलाज भी नहीं करा रहे हैं। 30 प्रतिशत मरीज ही सिजोफ्रेनिया का इलाज करा रहे हैं।

ये है हाल

पुरुषों में - 18 से 25 साल

महिलाओं में - 25 से 35 साल

ये हैं लक्षण

- भ्रम होना, शक करना, कानों में आवाज सुनाई देना, ऐसा लगना कि पुलिस पीछा कर रही है।

- खुशी और दुख महसूस नहीं करना, अकेले रहना।

आबादी के एक प्रतिशत लोगों में सिजोफ्रेनिया होता है। इलाज से अधिकांश मरीज ठीक हो जाते हैं। मगर, लोगों को बीमारी का पता नहीं चलता है।।

डॉ. विशाल सिन्हा, विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज

सिजोफ्रेनिया के मरीजों को शक होता है, कान में आवाज आती है। कई बार तो ऐसा लगता है कि अपने ही उसके दुश्मन है इससे उग्र व्यवहार हो जाता है। इलाज कराने वाले मनोरोगियों में 70 प्रतिशत इसी बीमारी से पीड़ित होते हैं।

डॉ. दिनेश राठौर, प्रमुख अधीक्षक मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय 

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