दो वरदानों में मांग लिया भरत के लिए राज और राम को वनवास

रामलीला में किया गया वनवास लीला का मंचन वृदांवन के कलाकारों द्वारा की जा रही आयोजन संवाद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 01:07 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:02 AM (IST)
दो वरदानों में मांग लिया भरत के लिए राज और राम को वनवास
दो वरदानों में मांग लिया भरत के लिए राज और राम को वनवास

रामलीला में किया गया वनवास लीला का मंचन, वृदांवन के कलाकारों द्वारा की जा रही आयोजन

संवाद सहयोगी, हाथरस: समय का लाभ उठायो, यही राजनीति है। कैकेयी आज महाराजा दशरथ से दो वरदानों में एक में भरत का राज व दूसरे में राम को चौदह वर्ष का वनवास मांग लो, नहीं तो तुम्हें जीवनभर कौशल्या की दासी बनकर रहना पड़ेगा।

यह उद्गार बुधवार को रामलीला बाड़े में रामलीला मंचन के दौरान कैकेयी को समझाते हुए मंथरा के स्वरूप में पं.रामेश्वर शर्मा ने व्यक्त किए। मंथरा ने कहा कि यह वरदान मांगने के लिए तुम्हें अन्न जल त्यागकर कोपभवन में जाना होगा। तभी महाराज दशरथ से यह वरदान मिलेंगे। मंथरा ने कैकेयी की मति भ्रमित कर दी। उसने उचित-अनुचित का भेद किए बिना ही भरत को राज व राम को वनवास मांग लिया। महाराजा दशरथ दुखी मन से राम को वनवास देते हैं। इसके अलावा केवट-राम संवाद, लक्ष्मण-निशाद संवाद व राम-केवट आदि संवाद के साथ चित्रकूट लीला के मंचन के साथ प्रसंग को विश्राम दे दिया। इस मौके पर कलाकारों में छोटू पंडित, कमलेश, मुकेश, घनश्याम शर्मा आदि मौजूद थे।

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