चोरों की दुकान से ऑन डिमांड मिलते थे पार्ट्स

जागरण संवाददाता, आगरा: चोरों की दुकान में ऑन डिमांड दोपहिया वाहनों के पार्ट्स मिलते

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Aug 2017 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 04 Aug 2017 08:07 PM (IST)
चोरों की दुकान से ऑन डिमांड मिलते थे पार्ट्स
चोरों की दुकान से ऑन डिमांड मिलते थे पार्ट्स

जागरण संवाददाता, आगरा: चोरों की दुकान में ऑन डिमांड दोपहिया वाहनों के पार्ट्स मिलते थे। गाड़ी के मॉडल और रंग के आधार पर ये बुकिंग करते थे और रेट भी इसी से तय किए जाते थे। इसके बाद दो दिन में पार्ट्स की डिलीवरी दी जाती थी। इसी तरह आठ माह में स्क्रैप की दुकान से सैकड़ों गाड़ियों के पार्ट्स खपा दिए गए।

सदर के इंद्रा पुरम निवासी आशीष पंडित ने एमबीए करने के बाद छीपीटोला में स्क्रैप की दुकान किराए पर ली थी। बाजार में कोई दुकान नहीं मिली तो उसने गली में अंदर एक मकान के बाहर अपना कारोबार शुरू कर दिया। क्षेत्र के सभी बाइक मैकेनिक से उसने संपर्क कर लिया। उनके माध्यम से वाहनों के पार्ट्स लेने ग्राहक दुकान पर पहुंचने लगे। वहां दोपहिया वाहनों का हर पार्ट मिल जाता था, इसलिए आठ माह में ही उसकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ होने लगी। इतना ही नहीं गाड़ी का कलर और उसका मॉडल बताने पर ऑन डिमांड पार्ट्स उपलब्ध करा दिए जाते थे। दुकान अंदर होने के कारण बाजार में किसी को इसकी भनक ही नहीं लगी। तीन वाहन चोर पकड़े जाने के बाद पुलिस को भी इतनी बड़ी बरामदगी की उम्मीद नहीं थी। उनकी निशानदेही पर सरगना आशीष को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद जब उसके गोदामों में पुलिस पहुंची तो चोरी के वाहनों को देखकर आंखें चौंधियां गई। सभी वाहनों के पुर्जे अलग-अलग थे। पुलिस कैंटर में चोरी के वाहन और पार्ट्स भरवाकर थाने ले आई। यहां इन्हें रखने के लिए भी अलग से इंतजाम किए गए हैं। शातिरों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अब तक वे सैकड़ों वाहन चोरी कर चुके हैं। इनके अलग-अलग पार्ट्स बेचे जा चुके हैं।

कई दुकानदारों को भी देते थे सप्लाई

शातिरों की दुकान कुछ समय में प्रचलित हो गई थी। पूरे बाजार में जो पार्ट नहीं मिलता था वो उनके यहां मिल जाता था। इसीलिए कई दुकानदार भी उनसे अपने ग्राहकों के लिए पार्ट्स मंगा लेते थे।

पकड़े जाने पर नहीं थी चेहरों पर शिकन

गिरोह के सरगना आशीष और उसके साथी राजीव के चेहरों पर पकड़े जाने के बाद भी कोई शिकन नहीं थी। पत्रकार वार्ता से वे मुस्कुराते हुए निकले। कितने दिन से कारोबार कर रहे थे यह पूछने पर उन्होंने मुंह बंद कर लिया। कहने लगे जो पुलिस बता रही है वही सही है। हम कुछ नहीं बताएंगे।

पहली बार दोपहिया वाहनों की इतनी बड़ी बरामदगी

वाहन चोरों के गिरोह से दोपहिया वाहनों की इतनी बड़ी बरामदगी पहली बार हुई है। तीन साल पहले क्राइम ब्रांच टीम ने इसी तरह का गिरोह पकड़ा था। उनकी निशानदेही पर 38 लग्जरी कार बरामद हुई थीं। अब तक उसे ही सबसे बड़ी बरामदगी माना जा रहा था।

गिरफ्तार करने वाली टीम

इंस्पेक्टर सदर नवरत्‍‌न गौतम, एसआइ प्रशांत त्यागी, एसआइ मनोज शर्मा, एसआइ सुखवीर सिंह, कांस्टेबल शंभू पांडेय, खुर्शीद, रमाकांत, नावेद, कवि चौधरी और विश्वेंद्र।

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