Campus front of India Case: मथुरा में PFI सदस्य सिद्दीकी कप्पन को नहीं मिली जमानत
Campus front of India Case दो दिन की सुनवाई के बाद अदालत ने की खारिज। हाईकोर्ट में देना होगा प्रार्थना पत्र। आरोपितों पर हाथरस कांड की आड़ में शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश रचने का आरोप था।
आगरा, जेएनएन। मथुरा में एडीजे प्रथम अनिल कुमार पांडेय की अदालत ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्य सिद्दीकी कप्पन के जमानत को खारिज कर दिया। मंगलवार को आरोपित के जमानत प्रार्थना पत्र पर दूसरे दिन सुनवाई हुई थी। अब पीएफआइ सदस्य को जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देना होगा। दिल्ली से हाथरस जाते समय पीएफआइ के सदस्य सिद्दीकी कप्पन, अतीकुर्रहमान, मोहम्मद आलम और मसूद अहमद को थाना मांट पुलिस ने पांच अक्टूबर 2020 को यमुना एक्सप्रेस वे के मांट टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया था। आरोपितों पर हाथरस कांड की आड़ में शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश रचने का आरोप था। पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्टर और अन्य सामग्री भी आरोपितों से बरामद की थी।
मामले की जांच एसटीएफ नोएडा को सौंपी गई। इस बीच एसटीएफ ने पीएफआइ के सदस्य केए राऊफ शरीफ को भी केरल से गिरफ्तार किया था। लखनऊ में विस्फोटक सामग्री के साथ पीएफआइ केरल के कमांडर अंसद बदरूद्दीन और फिरोज खान को भी गिरफ्तार हुए थे। सभी एक दूसरे के संपर्क में थे। विदेशी फंडिंग से देश में दंगा कराने की साजिश में इनकी भूमिका एसटीएफ को मिली थी। दोनों को एसटीएफ ने अदालत में पेश किया गया था। इसके बाद सभी के खिलाफ एसटीएफ ने अदालत में आरोपित पत्र दाखिल कर दिया था। आरोपित सिद्दीकी कप्पन ने जमानत के लिए एडीजे प्रथम अनिल कुमार पांडेय की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जमानत प्रार्थना पत्र पर दूसरे दिन मंगलवार को भी सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सूर्यवीर सिंह ने बताया, दो दिन की सुनवाई के बाद अदालत ने सिद्दीकी कप्पन की जमानत को खारिज कर दिया। आरोपित को अब अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देना होगा।