Jagran Exclusive: गिर सकती है कई अधिकारियों पर गाज, ये बनी है बड़ी वजह
विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों पर हैं भ्रष्टाचार के आरोप। विजिलेंस ने दो दर्जन से अधिक लोगों की जांच पूरी कर शासन को भेजी रिपोर्ट।
आगरा, जागरण संवाददाता। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में विभिन्न विभागों के दो दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारी फंस सकते हैं। विजिलेंस ने इनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच पूरी करके शासन को भेजी है।
सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा, आगरा जोन के कमला नगर स्थित कार्यालय से विजिलेंस ने फरवरी 2016 में अवर अभियंता रतन कुमार को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। शासन के निर्देश पर रतन कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच विजिलेंस ने की। आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा सात जून को न्यू आगरा थाने में दर्ज कराया है। रतन कुमार की तरह ही दो दर्जन से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार और विभागीय अनियमितताओं के मामले में फंस सकते हैं।
विकास प्राधिकरण, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत शासन से की गयी थी। शासन ने विजिलेंस को उनकी गोपनीय और खुली जांच करने के आदेश दिए थे। विजिलेंस दो दर्जन से अधिक लोगों की जांच पूरी करने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज हो सकता है।
विजिलेंस में होती है तीन तरह की जांच
भ्रष्टाचार: सरकारी विभाग के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी द्वारा किसी से रिश्वत मांगने पर उसकी गोपनीय जांच की जाती है। इससे कि यह तस्दीक किया जा सके कि आरोप लगाने वाला साजिश के तहत तो नहीं फंसा रहा। रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर यदि आरोपित राजपत्रित अधिकारी है तो विजिलेंस उसे गिरफ्तार करने के लिए शासन से अनुमति लेती है। वहां से अनुमति मिलने के बाद आरोपित को रंगे हाथों गिरफ्तार करके मुकदमा दर्ज किया जाता है। उसे जेल भेजा जाता है।
आय से अधिक संपत्ति: इन मामलों में आरोपित को मिलने वाले वेतन उसके द्वारा खर्च की गयी रकम का ब्यौरा जुटाया जाता है। उसने कितनी संपत्ति अर्जित की इसके साक्ष्य एकत्रित करके पूरी रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसे शासन को भेजा जाता है।
अनियमितता: आरोपित द्वारा की गयी विभागीय अनियमितता की जांच की जाती है। उसने अपने पद का दुरुपयोग करके किन लोगों को लाभ पहुंचाया। संबंधित विभाग के कर्मचारी या अधिकारी द्वारा दूसरे को लाभ पहुंचाने की नीयत से मानकों का कहां पर पालन नहीं किया गया। इसकी विवेचना विजिलेंस द्वारा की जाती है।
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