Submerged Area in Agra: आगरा के इस डूब क्षेत्र के एक-एक इंच की जमीन की जांच, सामने आएंगे गुनाह

Submerged Area in Agra 23 में से आधा दर्जन के करीब खसरा नंबर में हैं डूब क्षेत्र की जमीन कहीं अवैध कब्जा तो कहीं एडीए ने पास कर दिया है नक्शा। एनजीटी में दाखिल जवाब में एडीए ने कई बिल्डिंग को डूब क्षेत्र से बताया है बाहर।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 03:29 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 03:29 PM (IST)
Submerged Area in Agra: आगरा के इस डूब क्षेत्र के एक-एक इंच की जमीन की जांच, सामने आएंगे गुनाह
जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल में यमुना नदी के डूब क्षेत्र की जमीन की जांच शुरू हो गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल में यमुना नदी के डूब क्षेत्र की जमीन की जांच शुरू हो गई है। एक-एक इंच जमीन का मिलान किया जा रहा है। अब तक हुई जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जीवनी मंडी वाटरवक्र्स से लेकर वेदांत मंदिर (यमुना की तरफ) अवैध निर्माण हुआ है। जोंस मिल की बिल्डिंगों को तोड़ कर मकान, दुकानें से लेकर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग तक बन गई हैं। कुछ का नक्शा एडीए से पास हुआ है तो कुछ अवैध निर्माण हैं।

जीवनी मंडी पुलिस की जमीन की तरह ही यमुना नदी के डूब क्षेत्र में भी धड़ल्ले मकान बने हैं। जिस जहां पर भी मौका मिला है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का बैनामा करा लिया और फिर दूसरों को इसे बेच दिया गया है। जांच में पाया गया कि खसरा नंबर 2078 नहर विभाग की जमीन है। यह जमीन श्रेणी 15-1 में आती है जो जलमग्न में अंकित है। इसी तरह से खसरा नंबर 2080 का कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में आता है। इस जमीन पर भी मकानों से लेकर दुकानें तक बन गई हैं। खसरा नंबर 2086, 2087, 2088 भी डूब क्षेत्र में आते हैं। इन खसरों की जमीनों पर निर्माण हुआ है। ये हाल तब है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में डूब क्षेत्र का वाद विचाराधीन है। वर्ष 2015 में समाजसेवी डीके जोशी ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। दो साल पूर्व एडीए ने एनजीटी में जवाब दाखिल किया था जिसमें कई बिल्डिंगों को डूब क्षेत्र से बाहर बताया गया था लेकिन जांच में यह बिल्डिंग डूब क्षेत्र में आ रही हैं। यहां तक आस्था सिटी सेंटर में नहर विभाग की 5016 वर्ग मीटर जमीन मिली है। डूब क्षेत्र में मिली बिल्डिंग सहित अन्य की पूरी सूची बन रही है। जल्द ही यह सूची एडीए को भेजी जाएगी। इससे एडीए अफसरों के गुनाह सामने आएंगे।

लापरवाह इंजीनियर, नहीं दे रहे ध्यान 

जोंस मिल में डीएम की रोक के बाद भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहे हैं। एडीए इंजीनियरों की लापरवाही से निर्माण नहीं रुक रहे हैं। कुछ यही हाल पुलिस-प्रशासन का भी है।

- 23 खसरों में जो भी जमीन है। उसकी जांच चल रही है। इसमें डूब क्षेत्र भी शामिल है। नया नक्शा बनाया जा रहा है।

निधि श्रीवास्तव, अध्यक्ष जांच समिति और एडीए प्रशासन 

chat bot
आपका साथी