Health Alert: शराब और स्टेरॉयड से कूल्हा, मिलावटी खाने से घुटने हो रहे खराब Agra News

20 से 30 साल की उम्र के मरीजों में बदलना पड़ रहा कूल्हा। 40 साल की उम्र में जवाब देने लगे घुटने दर्द से कराह रहे लोग।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 01 Mar 2020 09:17 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2020 09:17 AM (IST)
Health Alert: शराब और स्टेरॉयड से कूल्हा, मिलावटी खाने से घुटने हो रहे खराब Agra News
Health Alert: शराब और स्टेरॉयड से कूल्हा, मिलावटी खाने से घुटने हो रहे खराब Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। युवाओं के शराब और स्टेरॉयड के सेवन से कूल्हे खराब हो रहे हैं। मिलावटी खाना, पैदल न चलने और फास्ट फूड का सेवन करने से घुटने दम तोडऩे लगे हैं। ऐसे में कम उम्र में घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण करना पड़ रहा है। इसे लेकर शनिवार से होटल रेडिसन में शुरू हुई आगरा ऑर्थोपेडिक सोसायटी की दो दिवसीय कार्यशाला में चर्चा की गई। एसएन और पुष्पांजलि हॉस्पिटल में मरीजों के घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण किए गए। इन सर्जरी का लाइव टेलीकास्ट कार्यशाला स्थल पर किया गया।

सीआइएमएस हॉस्पिटल, अहमदाबाद के डॉ. सतीश पटेल ने बताया कि इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य प्रोफेशनल के छात्र 18 से 20 साल की उम्र में शराब का सेवन करना शुरू कर देते हैं। वहीं, जिम जा रहे युवा स्टेरॉयड पाउडर का सेवन कर रहे हैं। इसका लगातार पांच साल सेवन करने से कूल्हे में एक वैस्कुलर नेक्रोसिस हो रही है, इससे कूल्हे की बॉल में खून की सप्लाई बाधित हो रही है। इससे बॉल सूखने लगती है और कूल्हा खराब हो जाता है, इस तरह के केस में दोनों कूल्हे खराब होते हैं। 25 से 30 साल की उम्र के युवा कूल्हे में दर्द और चलने फिरने में परेशानी होने पर इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। ऐसे केस में कूल्हा बदलना पड़ रहा है।

रोहतक के डॉ. नरेंद्र रोहिला ने बताया कि मोटापा, आराम तलब जीवनशैली के साथ ही मिलावटी खाना, सब्जी में केमिकल और पेस्टीसाइड सहित अन्य हानिकारक केमिकल खाद्य पदार्थ और पानी के माध्यम से शरीर में पहुंच रहे हैं। इससे घुटने के कार्टिलेज खराब होने लगते हैं, 40 साल की उम्र में घुटने खराब होने लगे हैं। आयोजन अध्यक्ष डॉ. सीपी पाल ने बताया कि पहले दिन एसएन और पुष्पांजलि हॉस्पिटल में घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण की सर्जरी की गईं, इसका लाइव टेलीकास्ट किया गया। दिल्ली के डॉ. सीएस यादव, डॉ. अनिल अरोरा ने सर्जरी की। डॉ. अशोक विज, डॉ. डीवी शर्मा, डॉ. संजय प्रकाश, डॉ. अरुण कपूर, डॉ. ब्रजेश शर्मा, डॉ. अश्वनी सड़ाना, डॉ. संजय धवन, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. विपुल अग्रवाल, डॉ. केएस दिनकर, डॉ. रजत कपूर, डॉ. विवेक मित्तल, डॉ. आरके शकुंत आदि मौजूद रहे।

देसी सुनहरे घुटने से कर रहे पूजा और नमाज

साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. अरुण गुप्ता ने बताया कि देसी कंपनियों के घुटने और कूल्हे के इंम्प्लांट आ गए हैं। ये इम्प्लांट भारतीय लोगों की शारीरिक संरचना को देखते हुए तैयार किए गए हैं। टाइटेनियम, निओबियम और नाइट्रेट की सेवन लेयर कोटिंग से सुनहरा घुटना (गोल्ड नी इम्प्लांट) तैयार किया गया है। यह मजबूत है और 30 से 35 साल तक चल सकता है। इस इम्प्लांट को लगवाने के बाद लोग जमीन पर बैठकर पूजा कर सकते हैं। नमाज पढ़ सकते हैं। वहीं अधिक उम्र के मरीजों के लिए क्रोमियम और कोबाल्ट के नी इम्प्लांट के रिजल्ट भी अच्छे हैं, ये 20 साल तक चलते हैं। इसी तरह से कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए क्रेमिक सहित मेटल के इम्प्लांट उपलब्ध हैं। ये 30 से 40 साल तक काम करते हैं।

स्टेम सेल से घुटना प्रत्यारोपण की नहीं पड़ेगी जरूरत

मेंगलुरु के डॉ. योगीश डी कामत ने बताया कि बोन मेरो से स्टेम सेल डेवलेप कर कार्टिलेज डेवलेप किए जा सकते हैं। जिन मरीजों के घुटने के कार्टिलेज डैमेज होने शुरू हुए हैं उन मरीजों में प्रत्यारोपण के बिना स्टेम सेल से इलाज संभव है। कार्टिलेज डेवलेप होने में दो महीने लगते हैं। मगर, यह विशेषज्ञ डॉक्टर से ही कराना चाहिए।

अस्थमा, एलर्जी की दवा खा रहे मरीजों के कूल्हे खराब

अहमदाबाद के डॉ. सतीश ने बताया कि अस्थमा, एलर्जी की समस्या बढ़ी है। ये मरीज स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हैं। वहीं, तमाम लोग दर्द के लिए स्टेरॉयड का सेवन करते हैं। इससे कूल्हे खराब हो रहे हैं।

प्रत्यारोपण कराने से पहले देखी सर्जरी

आयोजन अध्यक्ष डॉ. सीपी पाल ने बताया कि सिकंदरा निवासी केके गुप्ता घुटना प्रत्यारोपण कराना चाहते हैं। इससे पहले वे सर्जरी देखना चाहते थे, उन्होंने संपर्क किया, उन्हें कार्यशाला स्थल पर लाइव सर्जरी दिखाई गई। 

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