राधे झूलन पधारो घिर आये बदरा.बरसाना में शुरू हुआ तेरह दिवसीय झूलन महोत्सव

राधारानी मन्दिर में झूलन महोत्सव के दर्शन को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब। स्वर्ण हिंडोले में विराजमान हो दर्शन देंगी बृषभान दुलारी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Aug 2018 05:45 PM (IST) Updated:Mon, 13 Aug 2018 05:45 PM (IST)
राधे झूलन पधारो घिर आये बदरा.बरसाना में शुरू हुआ तेरह दिवसीय झूलन महोत्सव
राधे झूलन पधारो घिर आये बदरा.बरसाना में शुरू हुआ तेरह दिवसीय झूलन महोत्सव

आगरा(जेएनएन): हरियाली छटा से विहंगम दृश्य बिखेर रहे बरसाना के ब्रह्माचल पर्वत पर स्थित राधारानी मन्दिर में सोमवार की सुबह से ही स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर बृषभान दुलारी अपने भक्तों पर कृपा का सागर बरसा रही हैं। नजदीक से लाड़ली के दर्शन करके श्रद्धालु भी अपने आपको धन्य मान रहे हैं।

हरियाली तीज पर सोमवार की सुबह से ही मथुरा जिले के बरसाना में श्रद्धालुओं का सैलाब राधारानी मन्दिर की ओर उमड़ने लगा। सेवायतों द्वारा मन्दिर परिसर को हरे परिधानों से सजाया गया। बृषभान दुलारी भी जगमोहन में स्थित स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों पर कृपा बरसाने लगीं। राधे झूलन पधारो घिर आये बदरा, राधा झूले श्याम झुलावे आदि भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूम रहे थे। सेवायत रासबिहारी गोस्वामी ने बताया कि उक्त स्वर्ण हिंडोला साठ किलो का तथा प्राचीन है। ब्रज में झूला झूलने की परंपरा बरसाना झूलन महोत्सव से आरंभ होती है। सायंकाल सफेद छतरी में विराजीं बृषभान दुलारी: सायंकाल राधारानी मन्दिर परिसर स्थित संगमरमर की सफेद छतरी से बृषभान दुलारी ने कृपा का सागर उड़ेला। इस सफेद छतरी का निर्माण रीवा स्टेट के भइया जी महाराज ने कराया था। जब राधारानी अपनी ससुराल नन्दगांव से बरसाना आती हैं तो सखिया उन्हें महल के दरवाजे पर ही रोक लेती है। तभी से परंपरा चली आ रही है कि राधारानी हरियाली तीज पर डोला में बैठ भक्तों को दर्शन देने सफेद छतरी में आती है। गोस्वामी समाज के मुखिया रामभरोसी गोस्वामी ने बताया कि पूर्व में जो श्रद्धालु मंदिर में नहीं आ पाते थे, उन्हें दर्शन देने के लिए राधारानी को मन्दिर से नीचे सफेद छतरी में आने का विधान बनाया गया।

chat bot
आपका साथी