Fight Against CoronaVirus: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को भोजन में हो हरा रंग शाम‍िल, पढ़ें कलर थैरेपी का कमाल

Fight Against CoronaVirus शरीर पोषित करने को रंगों के खाद्य पदार्थ का विशेष महत्व हर रंग देगा सेहत की सौगात। आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार दिन की शुरुआत टमाटर गाजर और चुकंदर के लाल-नारंगी जूस से कर सकते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 08:53 AM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 08:53 AM (IST)
Fight Against CoronaVirus: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को भोजन में हो हरा रंग शाम‍िल, पढ़ें कलर थैरेपी का कमाल
भाेजन का हर रंग देता है सेहत की सौगात।

आगरा, जागरण संवाददाता। इंद्रधनुषी रंग हमारे जीवन को खूबसूरत तो बनाते ही हैं, हमारे भोजन में अगर ये सही मात्रा में शामिल हों तो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान भी बनाते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के ल‍िए भोजन में हरा रंग का खाद्य पदार्थ शाम‍िल होना चाह‍िए। वैसे हर रंग सेहत की सौगात देता है। रंगों के इस्तेमाल से की जाने वाली चिकित्सा पद्धति वैसे भी बरसों पुरानी है। विभिन्न रंगों के भोजन को थाली में नियमित रूप से शामिल करके स्वस्थ रहा जा सकता है। यह इस बात का संकेत है कि हमारा भोजन हर प्रकार के पोषण से परिपूर्ण है।

आयुर्वेदाचार्य डॉ. कविता गोयल के अनुसार हमारे शरीर में सात चक्रों में ऊर्जा प्रवाहित होती है। कलर थेरेपी हमारे शरीर के इन चक्रों को संतुलित करती है। हर चक्र एक खास रंग का प्रतिनिधित्व करता है। अपने भोजन में इन रंगों को शामिल करके इन चक्रों को संतुलित किया जा सकता है। यह केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि हमारे मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। पीले, हरे और नीले रंगों के खाद्य पदार्थ शरीर और ऊर्जा के स्तर को स्वस्थ और संतुलित रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। इन्हें अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में शामिल करने की कोशिश करें। लाल, बैंगनी, और नारंगी रंगों के खाद्य पदाथरें को सीमित मात्रा में लिया जाना चाहिए। उन्‍होेने बताया क‍ि हरे रंग में क्लोरोफिल पिग्मेंट होता है। इसमें भी फल-सब्जी के अलावा मूंग की दाल, मटर, मोठ, हरे रंग का अन्य अनाज आदि को शामिल किया जा सकता है। यह शरीर की दुर्गंध को नियंत्रित करता है तथा घाव ठीक करने का काम भी करता है। इसमें फायबर ज्यादा होने से पाचनतंत्र भी ठीक रहता है और आतों की सेहत के लिए भी बेहतर होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। यह रक्त को डिटाक्सीफाइड करता है जिससे रक्त संचार बेहतर होता है।

उन्‍होने बताया क‍ि पीले और सिंदुरी रंग के भोज्य पदार्थ में केरोटीनाइड पिग्मेंट होता है। पीले रंग की दालें, अनाज, फल-सब्जी में होता है। यह एंटीआक्सीडेंट का काम करता है। यह संक्रमण से लड़ने में भी कारगर होता है। इसके नियमित सेवन से नेत्रज्योति और आखों की मसल्स को भी लाभ होता है। इसमें बीटाकेरोटीन होता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। यह दिल को भी तंदुरूस्त रखता है। इन तीनों रंग के भोज्य पदार्थों के अलावा हमें अपने दोनों वक्त के भोजन में सफेद रंग के भोज्य पदार्थ को भी शामिल करना चाहिए।

इस प्रकार करें इन्हें शामिल

अपने दिन की शुरुआत टमाटर, गाजर और चुकंदर के लाल-नारंगी जूस से कर सकते हैं। दोपहर के भोजन में सलाद के रूप में विभिन्न रंगों की सब्जियां ली जा सकती हैं। पीली शिमला मिर्च, हरी ब्रोकली, बीन्स, पत्ता गोभी आदि मिक्स वेजिटेबल के रूप में ले सकती हैं या इन्हें रायता, दलिया, खिचड़ी में शामिल किया जा सकता है। विभिन्न रंगों के फलों से बने शेक्स स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषण की जरूरत को भी पूरा करते हैं। 

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