दिमाग की इस जानलेवा सोच को पढ़ सकेंगे परिजन, बचा सकेंगे अपने की जान Agra News

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में सुसाइड प्रिवेंशन कम्यूनिटी बनाई गई है। परिजनों को सुसाइड के संकेत बताए जा रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 08 Sep 2019 07:56 AM (IST) Updated:Sun, 08 Sep 2019 07:56 AM (IST)
दिमाग की इस जानलेवा सोच को पढ़ सकेंगे परिजन, बचा सकेंगे अपने की जान Agra News
दिमाग की इस जानलेवा सोच को पढ़ सकेंगे परिजन, बचा सकेंगे अपने की जान Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। सुसाइड के विचार समुद्र की लहरों की तरह ही आते हैं। ये संकेत देते हैं, चंद मिनट बाद शांत हो जाते हैं। इन संकेतों को पढ़कर परिजन अपनों की जान बचा सकते हैं। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में सुसाइड प्रिवेंशन कम्यूनिटी बनाई गई है। परिजनों को सुसाइड के संकेत बताए जा रहे हैं, कैसे बचाए, इसके लिए काउंसिलिंग की जा रही है।

सुसाइड करने वालों में 90 फीसद मनोरोगी होती हैं, इसमें से 80 फीसद डिप्रेशन के शिकार होते हैं। डिप्रेशन के मरीजों में सिरोटोनिन का स्तर गिरने लगता है। इसके न्यूनतम स्तर पर पहुंचने पर सुसाइड करने के विचार आते हैं। वे घर में ही सुसाइड करने के लिए फांसी लगा लेते हैं, जहर खाते हैं, आग लगा लेते हैं। यह स्थिति क्षणिक होती है। इस दौरान इनसे बात कर ली जाए तो सुसाइड टाली जा सकती है। सुसाइड के क्या संकेत हैं? यह डिप्रेशन के मरीजों के परिजनों को बताए जा रहे हैं। मरीज की जान बचा चुके परिजनों द्वारा अनुभव साझा किए जा रहे हैं, वे मरीजों के परिजनों को बता रहे हैं कि क्या कर सकते हैं। इस तरह मरीजों की जान बचा रहे हैं।

ओपीडी में पांच से सात मरीज

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय की ओपीडी में हर रोज सुसाइड के विचार की समस्या लेकर पांच से अधिक मरीज आ रहे हैं, इन मरीजों के परिजनों की काउंसिलिंग करने के साथ फोन नंबर दर्ज किए जा रहे हैं। इन्हें महीने में एक से दो बार बुलाया जा रहा है।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

सुसाइड करने वाले मामलों में 90 फीसद मनोरोगी होती हैं, ये सुसाइड से पहले कुछ संकेत देते हैं, इन्हें पहचान सकें, इसके लिए परिजनों की काउंसिलिंग की जा रही है। इसके लिए सुसाइड प्रिवेंशन कम्यूनिटी बनाई गई है।

डॉ. दिनेश राठौर, प्रमुख अधीक्षक मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय

केस वन - एक कंपनी में एग्जीक्यूटिव डिप्रेशन के शिकार हो गए, उनका मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज चल रहा है, वे सुसाइड का प्रयास कर चुके हैं। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में परिजनों को सुसाइड के संकेत बताए गए, दवाएं और परिजनों द्वारा समय देने से वे अब ठीक हैं।

केस टू - एक छात्र ने कॉलेज में जाना बंद कर दिया, वह अपने कमरे में गुमसुम बैठा रहता है। परिजनों ने मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज कराया। यहां डिप्रेशन का इलाज चल रहा है, परिजनों को सुसाइड के संकेत बताए गए हैं। जिन घरों में डिप्रेशन के मरीज हैं, उनसे अनुभव भी साझा कराए गए।

ये है संकेत

- गुपचुप रहना, व्यवहार में बदलाव आना।

- निराशाजनक बातें करना, अचानक से देहदान, नेत्रदान की बात करने लगना। बैचेनी और घबराहट।

- नींद न आना, रात में जग कर बैठ जाना।

- काम में मन ना लगना, स्कूल ना जाना।

ये कर रहे परिजन

- गुपचुप रहने पर बात करना, सुझाव देने के बजाय उसकी बात सुनना, अकेला ना छोड़ना

- सुसाइड की जगह और क्या कर सकते हैं, यह उससे ही पूछना, उसके बताए विकल्पों पर काम करना

- परिवार के साथ टूर प्लान करना, खान पान का विशेष ध्यान रखना

- मनोरोग का इलाज कराना 

chat bot
आपका साथी