अटल जी की अस्थि विसर्जन के बाद योगी बोले, बटेश्वर में जल्द शुरू होंगे विकास कार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में करीब डेढ़ घंटे रहेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश का यमुना में विसर्जन करेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 10:23 AM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 01:25 PM (IST)
अटल जी की अस्थि विसर्जन के बाद योगी बोले, बटेश्वर में जल्द शुरू होंगे विकास कार्य
अटल जी की अस्थि विसर्जन के बाद योगी बोले, बटेश्वर में जल्द शुरू होंगे विकास कार्य

आगरा (जेएनएन)। 25 दिसंबर का वो दिन जब देश का महान सपूत जन्मा था। अजातशत्रु अटल जी का जन्मदिन इस बार न सिर्फ उनकी पैतृक भूमि के लिए बल्कि पूरे देश के लिए विशेष होगा। 25 दिसंबर से पहले बटेश्वर के विकास की कार्ययोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा। जिस भूमि से जन्मा बालक देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हुआ उस भूमि का सर्वांगीण विकास अब प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। बटेश्वर की जनता को संबोधित करते हुए यह कहना था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का।


शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों का विसर्जन करने मुख्यमंत्री बटेश्वर पहुंचे थे। यमुना के रानी घाट पर अटल जी के परिजनों सहित उन्होंने अस्थियों का विसर्जन किया। इसके बाद रामलीला मैदान के पास बने जैन मंदिर में श्रद्धांजलि सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वासियों का सौभाग्य है कि देश के महान सपूत अटल जी की जन्मभूमि, शिक्षा भूमि और कर्म भूमि यह रहा है।
अटल के पैतृक गांव के विकास के लिए प्रदेश सरकार कार्ययोजनाओं पर काम कर रही है। बहुत जल्द यहां अटल जी का स्मारक, एकेडमी सहित तमाम विभाग स्थापित होंगे। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन से पूर्व अभूतपूर्व विकास कार्य बटेश्वर की धरती पर होंगे। अस्थि विसर्जन के समय हुई तेज बारिश पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक वे जहां- जहां भी अटल जी की अस्थियों का विसर्जन करने गए हैं वहां प्रकृति ने भी अपने महान सपूत के बिछुडऩे पर श्रद्धांजलि दी है।
गोरखपुर में भी श्रद्धांजलि के वक्त मेघों ने वर्षा कर दी थी और आज बटेश्वर में भी यही हुआ। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की साधना और अटल जी के कृतित्व का ही परिणाम था कि छोटे से गांव से निकला एक बालक प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा। साथ ही देश के लोकतंत्र, संस्कृति को मजबूती प्रदान की।
अटल जी के योगदान को सदियों तक स्मरण किया जाएगा। सार्वजनिक जीवन की राजनीति से वे 12- 13 वर्षों तक अलग रहे, फिर भी उनके देहावसान पर पूरी दुनिया ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन, पर्यटन, संस्कृति विभाग ने मिलकर बटेश्वर के विकास और सुंदरीकरण की योजना तैयार की है। जल्द ही सभी योजनाएं मूर्त रूप लेंगी।

हवेली करती रही मुख्यमंत्री का इंतजार: अटल जी की हवेली वर्षों वीरान रहने के बाद खंडहर रूप में बदल गई। उसे इंतजार कि सूबे के मुखिया यहां आएंगे और उसकी हालत देखेंगे, लेकिन बारिश ने उसका इंतजार पूरा न होने दिया। बारिश और फिसलन के कारण अटल जी की हवेली जाने का मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रद्द हो गया। श्रद्धांजलि सभा से निकलकर मुख्यमंत्री सीधे हैलीपेड के लिए रवाना हो गए।

अब होगा अटलजी का सपना पूरा: वर्षो से उपेक्षा का दंश झेल रहे तीर्थ एवं पर्यटन नगरी व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर की शनिवार को तकदीर बदलने जा रही है। जिन सुविधाओं के लिए गांववासी कई वर्षो से आवाज बुलंद कर रहे थे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचने से विकास की सौगात मिलने की उम्मीदें जागी हैं।

बटेश्वर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव होने के साथ मंदिरों की श्रंखला होने का भी गौरव है। साथ ही यहां यमुना नदी उल्टी दिशा में बहती है। जिस माटी में अटल पले और बढ़े, उस बटेश्वर में उम्मीदों के आसमान पर कभी विकास का सूरज नहीं चमका। विकास के जो सपने ग्रामीणों ने देखे, उन्हें साकार करने को 'जागरण' भी साथ खड़ा रहा। बटेश्वर में विकास की धारा बहाने को 'जागरण' ग्रामीणों की आवाज बना। चाहे वहां के ऊबड़-खाबड़ रास्तों की बात हो या फिर वहां तक बस सुविधा की। सीएम के आगमन पर विकास की बरसों से प्रतीक्षित सौगातों के मिलने की उम्मीद ग्रामीणों ने संजो रखी है।

ये काम हैं प्रस्तावित:

स्मारक व संग्रहालय: अटल के खंडहर हो चुके पैतृक मकान के 60 वर्गगज हिस्से में स्मारक और संग्रहालय के रूप में बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें अटल से जुड़े संस्मरण संजोए जाएंगे।

बनेगा सर्किट: अटल की यज्ञशाला को जोड़ते हुए एक सर्किट बनाया जाएगा। इस सर्किट में यज्ञशाला, पार्क और मंदिरों को जोड़ा जाएगा। जंगलात कोठी का होगा जीर्णोद्धार: बटेश्वर में स्थित जिस जंगलात कोठी में अटल ने बचपन में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ झंडा फहराया था, उसका भी जीर्णोद्धार होगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा बटेश्वर: बटेश्वर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ही लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इससे तीर्थनगरी तक आवागमन आसान हो जाएगा। राही पर्यटक आवास भी जर्जर: बटेश्वर में पर्यटकों के रुकने के लिए पर्यटन विभाग ने राही पर्यटक आवास बनाया था। लेकिन अब ये भी जर्जर हो चुका है। मुख्यमंत्री के आगमन को देख उपजिलाधिकारी बाह ने पर्यटन विभाग को पत्र लिख रंगाई-पुताई की मांग की।

लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। 400 मीटर घाटों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव: बटेश्वर के जीर्ण-शीर्ण घाटों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव सीएम के सामने रखा जाएगा। शिव मंदिरों के किनारे बने करीब 400 मीटर घाटों को सुधारा जाएगा। इनमें कंस कगार घाट से लेकर अन्य महत्वपूर्ण घाटों के लिए पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव बनाया है।

chat bot
आपका साथी