तीन मीटर लुढ़की चंबल नदी, संपर्क मार्ग अभी भी डूबे

रेहा गांव में आवाजाही का साधन नहीं ग्रामीण खाद्यान्न के लिए मोहताज

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 06:05 AM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 06:05 AM (IST)
तीन मीटर लुढ़की चंबल नदी, संपर्क मार्ग अभी भी डूबे
तीन मीटर लुढ़की चंबल नदी, संपर्क मार्ग अभी भी डूबे

जागरण टीम, आगरा। खतरे के निशान से तीन मीटर लुढ़की चंबल नदी के तटवर्ती गांवों के लोगों को अभी राहत नहीं मिली है। गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, उमरैठा पुरा और रेहा के संपर्क मार्ग डूबे हुए हैं। यहां पांच फीट से भी ज्यादा पानी है। रेहा गांव के लिए न आवाजाही का साधन है और न ही यहां के लोगों को राशन सामग्री मिल रही है। टीलों पर शरण लिए इन लोगों ने खाद्यान्न उपलब्ध कराने की मांग की है।

सोमवार को चंबल नदी की जलस्तर तीन मीटर घटकर 130 मीटर पर पहुंच गया। इससे लोगों ने राहत महसूस की। हालांकि तटवर्ती गांवों के लोगों की आफत कम नहीं हुई। करीब 20 गांवों में बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। इन गांवों के रास्ते खुलने में वक्त लगेगा। उधर, रेहा गांव चंबल के पानी से घिरा हुआ है। करीब आठ किलोमीटर तक पानी ही पानी है। न यहां आने-जाने का रास्ता है और न ही कोई प्रशासनिक मदद पहुंच रही। कई मवेशी मर गए हैं। टेंट में रोशनी के भी इंतजाम नाकाफी हैं। प्रभावित गांवों में राहत पहुंचाई जा रही है। नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। जल्द ही सभी गांवों के रास्ते खुल जाएंगे।

अब्दुल बासित, एसडीएम बाह रेहा गांव में निकल रहे जहरीले सांप व बिच्छू

रेहा गांव के लोगों का कहना है कि बारिश व सीलन के कारण जहरीले सांप व बिच्छू निकल रहे हैं। उनके पास उपचार का कोई साधन नहीं है। चिकित्सकों की टीम भी अब तक गांव में नहीं पहुंची है। जलस्तर घटा, कम नहीं हुई इन गांवों की मुश्किल

चंबल नदी का जलस्तर भले कम हो गया हो लेकिन तटवर्ती गांवों के लोगों की मुश्किल कम नहीं हुई है। बाह के गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, सिमराई, भगवानपुरा, झरनापुरा, मऊ की मढ़ैया, सुखलालपुरा, डाल का पुरा, क्यौरी ऊपरी पुरा, क्यौरी बीच का पुरा, उमरैठा पुरा, रेहा, कछियारा गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न है। स्टीमर से राहत सामग्री पहुंचाने के दावे की निकली हवा

नदी में बाढ़ के दौरान प्रशासन ने स्टीमर व मोटर बोट के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने का दावा किया था। इस दावे की दो-तीन दिन में ही हवा निकल गई। गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा और भटपुरा गांव के लिए स्टीमर संचालन दो दिन से बंद है। इसकी अब तक मरम्मत नहीं की जा सकी है। इन गांवों के लोग भगवान भरोसे रहने को मजबूर हैं।

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