Cyber Crime: कर्नाटक के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी बिल्डिंग मैटीरियल व्यापारी की रकम

Cyber Crime कागारौल के बिल्डिंग मैटीरियल व्यापारी से ठगी का मामला। सरियों का आनलाइन आर्डर बुक कराने के नाम पर साइबर शातिरों ने की थी धोखाधड़ी। छह महीने से मुकदमा दर्ज न होने से भटक रहा व्यापारी अपने स्तर से भी छानबीन कर रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:41 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:41 PM (IST)
Cyber Crime: कर्नाटक के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी बिल्डिंग मैटीरियल व्यापारी की रकम
कागारौल के बिल्डिंग मैटीरियल व्यापारी से ठगी का मामला।

आगरा, जागरण संवाददाता। कागारौल के अकोला के बिल्डिंग मैटीरियल व्यापारी के साथ हुई धोखाधड़ी की रकम कर्नाटक के कई खातों में ट्रांसफर की गई थी। छह महीने से मुकदमा दर्ज न होने से भटक रहा व्यापारी अपने स्तर से भी छानबीन कर रहा है। इसके चलते उसे कई जानकारी मिली हैं। व्यापाारी के मुताबिक शातिरों ने फर्जी कंपनी बनाकर उसके साथ धाेखाधड़ी की थी। रकम अपने खातों में ट्रांसफर कराने के बाद उन्होंने फर्जी कंपनी से संबंधित सारी जानकारी गूगल से हटा लीं। इससे कि पुलिस साइबर सेल की जांच होने पर वह आसानी से उन तक पहुंच सके। व्यापारी के मुताबिक साइबर शातिरों ने यह रकम कर्नाटक के कई बैंक खातों में भेजी। बाद में यह सारी रकम निकाल ली गई।इससे आशंका है कि यह उक्त खाते फर्जी आइडी और नाम-पते से खोले गए होंगे।

ये है मामला

कागारौल के अकोला निवासी मनोज कुमार का बिल्डिंग मैटीरिय, पत्थर और सरिया का काम है। वह राजस्थान के इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित इस्पात कंपनी से अपना माल मंगाते थे।रकम का भुगतान पेशगी में करने के बाद कंपनी से माल उनके पास आ जाता था। मनोज कुमार ने बताया पिछले वर्ष अगस्त में उनके पास गूगल के माध्यम से ईमेल आया।जो कि माल भेजने के संबंध में था। उन्होंने एक वेबसाइट पर आनलाइन आर्डर बुक कराया। कंपनी ने उनसे 5.35 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराने की कहा। वह कई बार पहले भी रकम पेशगी में भुगतान कर चुके थे। उनका माल भी आ गया था। इसलिए बिना किसी शक के उन्होंने कंपनी द्वारा दिए गए खाता संख्या में रकम जमा करा दी।

ऐसे हुआ धोखाधड़ी का अहसास

तय समय के बाद जब माल नहीं आया तो व्यापारी ने वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। दूसरी ओर से खुद को कंपनी का अधिकारी बताने वाले ने जल्द ही सरियों की डिलीवरी भेजने की कहा। माल नहीं पहुंचने पर कई बार कंपनी के अधिकारी को फाेन किया। वह हर बार टालमटोल कर देता। एक महीने बाद उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया। इसके साथ ही आरोपित गूगल पर कंपनी से संबंधित डाली गई सारी जानकारी भी हटा दी। इससे उन्हें अपने साथ धोखाधडी का अहसास हुआ।

आनलाइन आर्डर करते समय, गूगल से कस्टमर केयर नंबर लेते समय रहें सतर्क

-इंटरनेट मीडिया पर कोई सामान या सेवा खरीदने से पहले विक्रेता के संबंध में पूर्ण जानकारी सत्यापित कर लें। जैसे उसके खाते में अंकित नाम-पता आदि। -किसी डिजीटल वालेट या इंश्योरेंस सेवा आदि के कस्टमर केयर का नंबर गूगल से सर्च न करें। हमेशा उसे कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध कस्टमर केयर से सर्च करें। अधिकांश साइबर शातिर गूगल पर अपना विवरण शीर्ष पर डालने में सफल हो जाते हैं। अनजान व्यक्ति ऐसी साइट पर जाकर अपनी समस्याएं बताते हुए अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा कर बैठते हैं। इसका बाद में दुरुपयोग हो जाता है।

-किसी अनजान व्यक्ति के कहने से अपने मोबाइल पर anydesk/ammydesk/team viewer quick support आदि एप डाउनलोड न करें।एेसा करने पर दूर बैठे साइबर शातिर पूरी तरह से आपके मोबाइल की स्क्रीन साझा करने के साथ उसे हैक कर लेते हैं।

-कभी भी अपने डिजीटल वालेट या एकाउंट की केवाइसी आनलाइन अपडेट न करें।

-किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए कुछ धनराशि को प्राप्त करने संबंधी लिंक या क्यूआर कोड को अपने फोन से स्कैन न करें। साइबर शातिर आपको विश्वास में लेने के लिए इस तरह के लालच देता है। 

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