एनएचएआइ ने कागजों में की रोड की मरम्मत
आगरा : न्यू दक्षिणी बाइपास के साथ एनएचएआइ ने सौतेला व्यवहार किया है। बारिश में सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
जागरण संवाददाता, आगरा : न्यू दक्षिणी बाइपास के साथ एनएचएआइ ने सौतेला व्यवहार किया है। बारिश से जख्मी हुई रोड की कागजों में मरम्मत कर दी गई। निर्माणदायी एजेंसी से अनुबंध खत्म होने के बाद भी इसका ठेका नहीं उठाया गया।
नेशनल हाईवे टू को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए दो साल पूर्व न्यू दक्षिणी बाइपास का निर्माण किया गया। रोड पांच साल के भीतर बनकर तैयार हुई। इसका निर्माण पीएनसी ने किया। निर्माण की शर्तो के अनुसार एक साल तक मरम्मत का कार्य निर्माणदायी एजेंसी को देखना था। अनुबंध वर्ष 2017 में खत्म हो गया। इस साल हुई बारिश में रोड जख्मी हो गई है। लालऊ पुल के पास दोनों ओर की लेन धंस गई है। रोड की मरम्मत का ठेका नहीं उठाया गया। यही वजह है कि रोड धंसने की शिकायतों को एनएचएआइ अफसरों ने अनसुना कर दिया। अफसरों की मिलीभगत से कागजों में रोड की मरम्मत कर दी गई। मंडलायुक्त द्वारा जांच के आदेश देने से अफसरों में खलबली मची हुई है। न्यू दक्षिणी बाइपास का निर्माण पीएनसी ने किया है। निर्माण कार्य 2016 में पूरा हो गया था। एक साल तक पीएनसी ने देखभाल की फिर अनुबंध खत्म हो गया।
नवीन जैन, मेयर व निदेशक पीएनसी - बारिश के बाद बाइपास की कितनी बार मरम्मत हुई है। इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
चंदन वत्स, क्षेत्रीय अधिकारी, पश्चिमी यूपी, एनएचएआइ इनर ¨रग रोड : टोल वसूलने के बाद भी नहीं बढ़ी सुविधाएं
- 24 घंटे के भीतर एक हजार से अधिक गुजरते हैं वाहन
जासं, आगरा : इनर ¨रग रोड की बदहाली यूं नहीं हुई है। पहले एडीए और फिर टोल कंपनी ने हद दर्जे की लापरवाही बरती। टोल वसूलने के बाद भी सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। न ही रोड की मरम्मत कराई गई।
इनर ¨रग रोड की लंबाई साढ़े दस किमी है। यह नेशनल हाईवे से फतेहाबाद रोड तक बनी है। एक साल पूर्व मुंबई की निजी कंपनी ने टोल वसूलना शुरू किया था। दो और चार पहिया वाहन चालकों से टोल लिया जाता था। आसपास के ग्रामीणों ने दो पहिया वाहनों से टोल लेने का विरोध किया। आए दिन हंगामे होने लगे, जिस पर कंपनी ने टोल का करार खत्म करने की चेतावनी दी। चार माह पूर्व एडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर दो पहिया वाहन चालकों से टोल की वसूली बंद हो गई। इनर ¨रग रोड से 24 घंटे के भीतर एक हजार वाहन निकलते हैं। टोल रोड होने के बाद भी एंबुलेंस सहित अन्य कोई सुविधाएं नहीं मिली हैं। न ही रोड की मरम्मत कराई गई। इसी के चलते बारिश में रोड धंस गई और किनारों पर मिट्टी का कटान हुआ।