शैलेंद्र अग्रवाल के खिलाफ पहली चार्जशीट

जागरण संवाददाता, आगरा: बड़ी जालसाजी में फंसे सपा नेता शैलेंद्र अग्रवाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। स

By Edited By: Publish:Thu, 02 Jul 2015 01:21 AM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2015 01:21 AM (IST)
शैलेंद्र अग्रवाल के खिलाफ पहली चार्जशीट

जागरण संवाददाता, आगरा: बड़ी जालसाजी में फंसे सपा नेता शैलेंद्र अग्रवाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सपा नेता के खिलाफ पुलिस ने ताजगंज थाने में दर्ज पहले मुकदमे में चार्जशीट लगा दी है। जिसमें सिर्फ शैलेंद्र को ही आरोपी बनाया गया है। इसके साथ ही शातिर सपा नेता के खिलाफ दर्ज 31 मुकदमों में आरोप पत्र दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जा रहा है इससे शैलेंद्र के जेल से बाहर आने की राह और कठिन हो जाएगी।

राजकीय रेलवे पुलिस में तैनात दरोगा विजय सिंह चक से शैलेंद्र अग्रवाल ने चार साल पूर्व दस लाख रुपये आलू के व्यापार में मुनाफा दिलाने के नाम पर लिए थे। रकम वापस मांगने पर टालमटोल करने लगा। दबाव बनाने पर सॉफ्टवेयर के जरिए डीजीपी के मोबाइल नंबर से फोन करके दरोगा को धमकी दी थी। जिस पर विजय सिंह की पत्नी श्वेता ने ताजगंज थाने में एक मई को मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने शैलेंद्र अग्रवाल को उसके विभव नगर स्थित अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर दो मई को जेल भेज दिया था।

शैलेंद्र की गिरफ्तारी के साथ ही उसकी धोखाधड़ी के शिकार लोगों के सामने आने का सिलसिला शुरू हुआ। दो पूर्व डीजीपी एसी शर्मा और एएल बनर्जी के शैलेंद्र के रिश्ते उजागर होने के बाद जांच की आंच उन तक भी पहुंची थी। मुकदमों की जांच में तेजी के लिए विशेष जांच टीम गठित कर उसकी कमान एसपी क्राइम को सौंपी गई। जिसमें दो सीओ तथा इंस्पेक्टर समेत कई विवेचक हैं।

एसआइटी के नोडल अधिकारी एसपी क्राइम प्रेम चंद्र ने बताया दरोगा की पत्नी द्वारा दर्ज मुकदमे में पुलिस ने शैलेंद्र अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत,एससी/एसटी तथा आइटी एक्ट की धारा में चार्जशीट लगाई है।

पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार से रिश्ते बताकर ठगे व्यापारी

शैलेंद्र अग्रवाल के शिकार बने विभवनगर में रहने वाले व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शातिर के पूरे परिवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि शैलेंद्र अग्रवाल पांच साल पहले उन लोगों से मिला था। कृषि मंत्रालय से आलू की आपूर्ति का आर्डर मिलने की बात कहते हुए उसने शरद पवार को रिश्वत देने की बात कही थी। आठ महीने में डेढ़ गुना पैसा लौटाने की बात कहते हुए लगभग पचास करोड़ रूपये ले लिए। अब तक एक पैसा भी वापस नहीं किया। व्यापारियों ने इस खेल में पूरे परिवार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

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