गूगल प्ले स्टोर पर 500 से ज्यादा एप में वायरस, ऐसे बचें

गूगल प्ले स्टोर पर 500 से ज्यादा एप्स में मैलवेयर पाया गया है। इस पोस्ट में हमने इससे बचने का तरीका बताया है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 24 Aug 2017 12:31 PM (IST) Updated:Thu, 24 Aug 2017 12:31 PM (IST)
गूगल प्ले स्टोर पर 500 से ज्यादा एप में वायरस, ऐसे बचें
गूगल प्ले स्टोर पर 500 से ज्यादा एप में वायरस, ऐसे बचें

 नई दिल्ली (जेएनएन)। गूगल प्ले स्टोर से करोड़ों बार डाउनलोड की गई 500 से ज्यादा एंड्रॉयड एप्स मालवेयर से प्रभावित पाई गई हैं। इनमें से 90 फीसद एप्स प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड की जा सकती हैं। ऐसे में एप डेवलपर्स विज्ञापनों के जरिए रेवन्यू बनाते हैं। इसके लिए वो अपनी एप्स में Android SDK Ads library को इंटीग्रेट करते हैं जो एप के फंक्शन्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है। लेकिन मोबाइल सिक्योरिटी फर्म के रिसर्चर्स ने इन एप्स में एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट का पता लगाया है जो एंड्रॉयड डिवाइस में स्पाईवेयर भेज रहा है।

इन एडवर्टाइजिंग सॉफ्टवेयर को चीनी कंपनियों द्वारा बनाया गया है। Igexin नाम का एडवर्टाइजिंग सॉफ्टवेयर गूगल प्ले स्टोर की 500 से ज्यादा एप्स में पाया गया है। नीचे हमने इस तरह की एप्स के बारे में बताया है। युवाओं के लिए गेम एप्स मौसम संबंधी एप्स फोटो एडिटर एप्स इंटरनेट रेडियो एप्स शिक्षा, स्वास्थय और फिटनेस, ट्रैवल, इमोजी एप्स

चाइनीज एडवर्टाइजिंग फर्म कर रहीं एंड्रॉयड यूजर्स की निगरानी:

Igexin SDK को एप डेवलपर्स के लिए इसलिए बनाया गया था ताकि वो यूजर्स को विज्ञापन दिखा सके और इन विज्ञापनों से रेवन्यू जनरेट कर सकें। यूजर्स की रुचि के मुताबिक विज्ञापन दिखाने के लिए उनका डाटा भी इक्ट्ठा किया जाता है। रिसर्चर्स ने यह भी बताया कि डाटा इक्ट्ठा करने के अलावा यह सॉफ्टेवयर विभिन्न आईपी एड्रेस से संचार स्थापित कर एंड्रॉयड डिवाइसेज में मैलवेयर भेज रहा है।

एंड्रॉयड डिवाइस को मैलवेयर से कैसे रखें सुरक्षित:

गूगल ने इन एप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। लेकिन जिन यूजर्स ने इन्हें पहले ही डाउनलोड कर लिया है उन्हें यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि उनकी डिवाइस में Google Play Protect मौजूद है। आपको बता दें कि Google Play Protect मैलवेयर से प्रभावित एप्स को एंड्रॉयड डिवाइस से रीमूव करता है। वहीं, यूजर्स को अपने फोन में हमेशा एक अच्छी एंटीवायरस एप रखनी चाहिए। इनसे फोन में मौजूद मैलवेयर एप्स को पहचाना जा सकता है।

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