एयरसेल हुई ठप्प, 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने वोडाफोन नेटवर्क में कराया पोर्ट

Jio का झटका, रातोंरात बदली इन 10 लाख मोबाइल कस्टमर्स की कंपनी

By Sakshi PandyaEdited By: Publish:Wed, 14 Mar 2018 10:35 AM (IST) Updated:Thu, 15 Mar 2018 07:20 AM (IST)
एयरसेल हुई ठप्प, 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने वोडाफोन नेटवर्क में कराया पोर्ट
एयरसेल हुई ठप्प, 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने वोडाफोन नेटवर्क में कराया पोर्ट

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से छोटी टेलिकॉम कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बने रहना काफी मुश्किल हो गया। यही कारण रहा की देश की टेलिकॉम कंपनी एयरसेल बैंकरप्सी के लिए आवेदन भर दिया था। कंपनी के कुछ समय पहले दिवालिया घोषित कर दिया था।

वोडाफोन में शिफ्ट हो रहे ग्राहक : एयरसेल के दिवालिया घोषित हो जाने के बाद कंपनी के ग्राहकों ने वोडाफोन नेटवर्क में शिफ्ट कर लिया है। टेलिकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक वोडाफोन ने बताया की एयरसेल के 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने वोडाफोन नेटवर्क को चुना है। वोडाफोन ने एक बयान में कहा- 'एक सप्ताह के अंदर एयरसेल के 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने अपने नंबर को वोडाफोन में पोर्ट कराया है।'

कंपनी ने NCLT यानि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में 28 फरवरी को खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन दाल दिया था। NCLT ने इसे मंजूरी दे दी है।

कब शुरू हुई समस्या? एयरसेल ने 30 जनवरी को छह सर्कल में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया, इनमें गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल है। कंपनी ने तब कहा था कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में काम करना अब मुश्किल हो रहा था। वहीं दूसरी ओर सितंबर 2017 में टेलिकॉम सेक्टर में हुई जियो की एंट्री ने कंपनी की मुश्किलें और बढ़ा दीं। जियो की एंट्री ने टेलिकॉम सेक्टर में बड़ी हलचल पैदा कर दी थी।

कंपनी ने क्यों फाइल की बैंकरप्सी जियो की एंट्री के बाद भारतीय टेलिकॉम उद्योग ने जिस उतार-चढ़ाव भरे माहौल का सामना किया उसे एयरसेल को बुरी तरह प्रभावित किया। जुलाई 2016 में 120 करोड़ रुपये के तिमाही परिचालन लाभ से, एयरसेल दिसंबर 2017 तक 120 करोड़ के परिलाचन नुकसान में आ गया। कंपनी ने लम्बे समय तक वित्तीय संकट का सामना किया और काफी विकल्पों की भी तलाश की, लेकिन कुछ संभावनाएं नहीं बनी।

इसकी मूल कंपनी मैक्सिस पहले कंपनी के समर्थन के लिए कुछ पैसा निवेश करने की योजना बना रही थी, लेकिन अचानक उसने विचार त्याग दिया। 15,500 करोड़ रुपए के लोन को सुधारने के असफल प्रयास के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर ने एयरसेल को बैंकों के लिए गैर-निष्पादित संपत्ति बता दिया। इसी कारण कंपनी को खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा।

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