ऑनलाइन खरीदा हुआ स्मार्टफोन असली है या नकली, इन 6 स्टेप्स में आसानी से करें पता

असली और नकली स्मार्टफोन के बीच फर्क पहचाने के लिए ये 6 तरीके काफी कारगर हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 28 Jun 2017 06:03 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jun 2017 07:00 PM (IST)
ऑनलाइन खरीदा हुआ स्मार्टफोन असली है या नकली, इन 6 स्टेप्स में आसानी से करें पता
ऑनलाइन खरीदा हुआ स्मार्टफोन असली है या नकली, इन 6 स्टेप्स में आसानी से करें पता

नई दिल्ली (जेएनएन)। नया स्मार्टफोन खरीदते समय आप फोन की बैटरी, कैमरा, डिजाइन और रैम इत्यादि पर खासा ध्यान देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी फोन की क्वालिटी या उसके ओरिजनल होने पर ध्यान दिया है? दरअसल, कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो ओरिजनल स्मार्टफोन्स के डुप्लीकेट फोन्स बनाकर मार्किट में बेच रही हैं। इन स्मार्टफोन्स को ऐसे बनाया जाता है कि इन्हें कोई भी यूजर पहचान नहीं सकता है। इसी के चलते हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लाएं हैं जिससे आप ओरिजनल और फेक गैजैट्स को पहचान सकते हैं।

पैकेजिंग:

नकली डिवाइस बनाने वाले निर्माता फोन की बनावट पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन ऑफिशियल रिटेलर्स फोन के डिजाइन और पैकेजिंग का बारीकी से ख्याल रखते हैं। ऐसे में जब भी आप कोई फोन खरीदते हैं तो उसकी पैकेजिंग की प्रिंट क्वालिटी पर ध्यान दें। अगर इसके फॉन्ट स्पष्ट हैं तो फोन असली है। पैकेजिंग पूरी तरह ठीक होनी चाहिए। असली निर्माता फोन की पैकेजिंग पर बेहद ध्यान देते हैं जिससे लाते ले जाते समय फोन डैमेज न हो।

यूजर मैनुअल को ध्यान से देखें:

यूजर मैनुअल किसी भी गैजेट को परखने का सबसे आसान जरिया है। मैनुअल में डिवाइस के बारे में सभी जानकारी उस देश की भाषा में लिखी होती है जहां उसे खरीदा जा रहा है। अगर ये किसी दूसरी भाषा में लिखी है तो जाहिर है कि आपने नकली प्रोडक्ट लिया है।

डिवाइस के मैटेरियल पर दें ध्यान:

फोन में इस्तेमाल हुआ कोई भी मैटेरियल प्लास्टिक, रबड़ और एलुमिनियन लो या हाई क्वालीटी का हो सकता है। अगर कोई बड़ा ब्रैंड है तो वो फोन के मैटेरियल पर खासा ध्यान देते हैं। फोन में इस्तेमाल हुई हर मैटेरियल की क्वालिटी अच्छी होती है। इसके बावजूद भी अगर फोन में इस्तेमाल किया गया मैटेरियल खराब है तो फोन नकली हो सकता है।

फॉन्ट्स पर रखें नजर:

फोन के लोगो के फॉन्ट पर खासा ध्यान दें। नकली फोन पर दिया गया फॉन्ट असली लोगो से काफी अलग होगा। असली फोन पर दिए गए सिंबल स्मूथ, पढ़े जाने वाले और टिकाऊ होते हैं।

चार्जर को करें चेक:

हर चार्जर अलग-अलग देश के मुताबिक बनाया जाता है। अगर आप यूरोप में रहते हैं तो उसमें यूरोपियन सॉकेट के हिसाब से स्पेशल ब्लॉक होगा। अगर नया फोन खरीदने पर आपको एडप्टर अलग से खरीदने कहा जाए तो यह आपके लिए चेतावनी है। किसी भी ब्रैंडेड कंपनी के चार्जर में ज्वाइंट नहीं होता है।

वायर्स और प्लग्स को भी ध्यान से परखें:

नकली फोन को पहचाने का एक बड़ा साइन वायर क्वालिटी है। ओरिजिनल प्रोडक्ट में प्लग-इन केबल दी जाएगी। यह केबल एक समान होती है। वहीं, नकली फोन का केबल ढीला और गलत एंगल्स के साथ आता है।

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