Kharmas 2024: मार्च में कब से शुरू होने जा रहा है खरमास? इन कार्यों पर लगेगी रोक

ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है। धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। खरमास वर्ष में 2 बार लगता है। धार्मिक मत है कि खरमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस बार 14 मार्च को सूर्य देव दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Publish:Mon, 11 Mar 2024 09:42 AM (IST) Updated:Mon, 11 Mar 2024 09:42 AM (IST)
Kharmas 2024: मार्च में कब से शुरू होने जा रहा है खरमास? इन कार्यों पर लगेगी रोक
Kharmas 2024: मार्च में कब से शुरू होने जा रहा है खरमास? इन कार्यों पर लगेगी रोक

HighLights

  • सनातन धर्म में खरमास एक ज्योतिषीय घटना है।
  • धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
  • खरमास में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kharmas in march 2024: सनातन धर्म में खरमास एक ज्योतिषीय घटना है। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है। धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। खरमास वर्ष में 2 बार लगता है। धार्मिक मत है कि खरमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। चलिए जानते हैं मार्च 2024 में कब से लगेगा खरमास और इस दौरान किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

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इस दिन से लगेगा खरमास

इस बार 14 मार्च को सूर्य देव दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की शुरुआत होगी। इसके पश्चात 13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास अवधि की समाप्त होगी।

ये कार्य रहेंगे वर्जित खरमास की अवधि को शुभ समय नहीं माना गया है। यही वजह है कि खरमास के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। खरमास में शादी न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा खरमास में कोई संपत्ति खरीदना, घर खरीदना और नया कारोबार शुरू नहीं करना चाहिए। इस दौरान गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। इस माह में लोगों को नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए। खरमास के दौरान तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास में सूर्य देव की पूजा के दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

सूर्य पूजा मंत्र

ॐ सूर्याय नम: ॐ घृणि सूर्याय नम: ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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